झारखंड विधानसभा सत्र में जयराम महतो के मुद्दे और साहसिक रुख: मंइया सम्मान योजना पर सवाल

झारखंड के 29 वर्षीय विधायक जयराम महतो ने हाल ही में अपने पहले विधानसभा सत्र में जो मुद्दे उठाए, वे चर्चा का विषय बन गए हैं। उन्होंने हेमंत सरकार की नीतियों, खासकर ‘मंइया सम्मान योजना’ को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए। उनका मानना है कि इस योजना का क्रियान्वयन युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण के बजाय उन्हें निष्क्रिय बना रहा है।

मंइया सम्मान योजना पर सवाल क्यों?

हेमंत सोरेन सरकार द्वारा शुरू की गई मंइया सम्मान योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए बनाई गई थी।

महतो का तर्क: स्कॉलरशिप क्यों ज़रूरी है?

महतो ने कहा कि यह राशि स्कॉलरशिप के रूप में दी जानी चाहिए, जिससे युवा लड़कियों को शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिल सके।
उन्होंने कहा:

“सरकारी योजनाओं का उद्देश्य आत्मनिर्भरता होना चाहिए, न कि केवल सहायता देना।”

अनुपूरक बजट पर तीखे सवाल

विधानसभा सत्र में उन्होंने झारखंड सरकार के अनुपूरक बजट पर भी सवाल उठाए।

सीजीएल परीक्षा विवाद पर कड़ा रुख

जयराम महतो ने झारखंड में हुई सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ियों पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी।

“अगर सबकुछ सही है, तो जांच कराने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।”

हेमंत सरकार की योजनाओं की आलोचना

महतो ने अन्य योजनाओं पर भी निशाना साधते हुए कहा कि सरकार का ध्यान केवल चुनावी लाभ पर केंद्रित है।

महतो का साहसिक रुख

जयराम महतो ने सदन में ऐसे मुद्दे उठाए, जिन पर अन्य नेता चुप्पी साधे रहते हैं।
उनकी यह साफगोई झारखंड की राजनीति में एक नई सोच को दर्शाती है।

“हम केवल राजनीति करने नहीं, बल्कि झारखंड के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं।”

आगे की राह: योजनाओं का पुनर्मूल्यांकन आवश्यक

झारखंड में महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाने के लिए योजनाओं की संरचना में बदलाव करना आवश्यक है।

जयराम महतो ने अपने पहले सत्र में यह स्पष्ट कर दिया है कि वे झारखंड के विकास और युवाओं के हितों को लेकर प्रतिबद्ध हैं। उनके साहसिक रुख ने उन्हें झारखंड की राजनीति में एक नई पहचान दिलाई है।

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