
#लातेहार #राष्ट्रीयस्कूलीबॉक्सिंग : अंडर 14 वर्ग में झारखंड के दो खिलाड़ियों ने कांस्य पदक जीतकर राज्य का नाम रोशन किया।
मध्य प्रदेश के गुना में आयोजित 69वीं राष्ट्रीय स्कूली बॉक्सिंग प्रतियोगिता में झारखंड के दो होनहार खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया। अंडर 14 बालक वर्ग में आकाश रजक और राहुल कर्मकार ने अपने-अपने भार वर्ग में कांस्य पदक जीतकर राज्य को गौरवान्वित किया। यह प्रतियोगिता 26 दिसंबर से 31 दिसंबर 2025 तक चली। खिलाड़ियों की इस उपलब्धि ने झारखंड की खेल प्रतिभा को राष्ट्रीय मंच पर मजबूती से स्थापित किया।
- 69वीं राष्ट्रीय स्कूली बॉक्सिंग प्रतियोगिता का आयोजन मध्य प्रदेश के गुना में हुआ।
- आकाश रजक ने 34–36 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक जीता।
- राहुल कर्मकार ने 40–42 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया।
- दोनों खिलाड़ी झारखंड टीम का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
- टीम कोच अशरफ अली और प्रवीण कुमार सिंह का मार्गदर्शन अहम रहा।
मध्य प्रदेश के गुना शहर में 26 दिसंबर से 31 दिसंबर 2025 तक आयोजित 69वीं राष्ट्रीय स्कूली बॉक्सिंग प्रतियोगिता झारखंड के लिए ऐतिहासिक साबित हुई। इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में देशभर से आए प्रतिभाशाली मुक्केबाजों के बीच झारखंड के दो उभरते सितारों ने अपने दमखम से अलग पहचान बनाई। अंडर 14 बालक वर्ग में आकाश रजक और राहुल कर्मकार ने कांस्य पदक जीतकर न केवल अपने परिवार और कोच, बल्कि पूरे राज्य को गर्व की अनुभूति कराई।
आकाश रजक का दमदार प्रदर्शन
झारखंड के युवा मुक्केबाज आकाश रजक ने 34–36 किलोग्राम भार वर्ग में बेहद संतुलित और आक्रामक खेल का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता के विभिन्न मुकाबलों में उन्होंने तकनीकी कौशल, फुर्ती और रणनीतिक सोच का बेहतरीन उदाहरण पेश किया। सेमीफाइनल तक का सफर तय करते हुए आकाश ने कड़े मुकाबलों में अनुभवी खिलाड़ियों को चुनौती दी और अंततः कांस्य पदक अपने नाम किया।
आकाश की यह सफलता यह दर्शाती है कि सीमित संसाधनों के बावजूद यदि समर्पण और नियमित अभ्यास हो, तो राष्ट्रीय स्तर पर भी सफलता हासिल की जा सकती है।
राहुल कर्मकार ने दिखाया आत्मविश्वास और अनुशासन
वहीं 40–42 किलोग्राम भार वर्ग में राहुल कर्मकार ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीतकर झारखंड का नाम रोशन किया। राहुल ने अपने मुकाबलों में धैर्य, अनुशासन और मजबूत डिफेंस के साथ आक्रामक रणनीति अपनाई। उनके पंचों की सटीकता और रिंग में नियंत्रण ने निर्णायकों को प्रभावित किया।
राहुल की यह उपलब्धि यह साबित करती है कि सही मार्गदर्शन और निरंतर अभ्यास से कम उम्र में भी बड़ी सफलता प्राप्त की जा सकती है।
कोच और मैनेजमेंट की अहम भूमिका
इन दोनों खिलाड़ियों की सफलता के पीछे टीम कोच और मैनेजर अशरफ अली, शारीरिक शिक्षक, +2 उच्च विद्यालय चटकपुर, महुआडांड, की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उनके साथ प्रवीण कुमार सिंह, उत्क्रमित उच्च विद्यालय हुटाप, चंदवा, ने भी प्रशिक्षण और मार्गदर्शन में अहम योगदान दिया।
कोच अशरफ अली ने कहा: “आकाश और राहुल की यह सफलता उनकी कड़ी मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास का परिणाम है। यदि इन्हें आगे भी सही संसाधन और अवसर मिले, तो ये अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच सकते हैं।”
झारखंड की खेल प्रतिभा को मिला राष्ट्रीय मंच
राष्ट्रीय स्कूली बॉक्सिंग प्रतियोगिता जैसे बड़े मंच पर झारखंड के खिलाड़ियों का पदक जीतना राज्य की खेल नीति और जमीनी स्तर पर हो रहे प्रशिक्षण प्रयासों की सफलता को दर्शाता है। यह उपलब्धि आने वाले समय में अन्य युवा खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
खिलाड़ियों की मेहनत बनी मिसाल
आकाश रजक और राहुल कर्मकार की यह उपलब्धि केवल एक पदक तक सीमित नहीं है, बल्कि यह झारखंड के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों से निकलने वाली खेल प्रतिभाओं की संभावनाओं को उजागर करती है। दोनों खिलाड़ियों ने यह सिद्ध कर दिया है कि अनुशासन, आत्मविश्वास और निरंतर अभ्यास से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाना संभव है।
न्यूज़ देखो: झारखंड के खेल भविष्य की मजबूत तस्वीर
राष्ट्रीय स्कूली बॉक्सिंग में झारखंड के दो खिलाड़ियों की यह सफलता बताती है कि राज्य में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। जरूरत है तो केवल निरंतर प्रशिक्षण, बेहतर सुविधाओं और सरकारी समर्थन की। यदि ऐसे खिलाड़ियों को सही प्लेटफॉर्म मिलता रहा, तो झारखंड देश के खेल मानचित्र पर और मजबूत होगा। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
पदक नहीं, प्रेरणा है यह जीत
आकाश और राहुल की सफलता हर युवा खिलाड़ी को यह संदेश देती है कि सपने छोटे नहीं होते, बस हौसले बड़े होने चाहिए। खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने में समाज और प्रशासन की भूमिका अहम है। इस खबर को साझा करें, खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाएं और खेल संस्कृति को मजबूत करने में अपनी भागीदारी निभाएं।






