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झारखंड की बेटियों ने रचा इतिहास! नेशनल सब-जूनियर विमेंस हॉकी चैंपियनशिप में लगातार चौथी बार बना चैंपियन

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#रांची #HockeyIndia : मरांग गोमके स्टेडियम में खचाखच भीड़, झारखंड की टीम ने आत्मविश्वास और रणनीति से ओडिशा को 1-0 से हराया
  • 15वीं हॉकी इंडिया सब-जूनियर विमेंस चैंपियनशिप के फाइनल में झारखंड ने ओडिशा को 1-0 से हराया
  • कप्तान पुष्पा डांग की अगुवाई में झारखंड की बेटियों ने दिखाया दमदार खेल
  • मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा हॉकी स्टेडियम में दर्शकों का जबरदस्त उत्साह
  • खेल मंत्री सुदिव्य कुमार, सलीमा टेटे, और ब्यूटी डुंगडुंग ने विजेता टीम को किया सम्मानित
  • हरियाणा ने तीसरे स्थान पर रहते हुए ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया

फाइनल मुकाबले में जोश, रणनीति और आत्मविश्वास का संगम

रांची के मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा हॉकी स्टेडियम में आयोजित 15वीं हॉकी इंडिया नेशनल सब-जूनियर विमेंस चैंपियनशिप के फाइनल में झारखंड ने ओडिशा को 1-0 से पराजित कर लगातार चौथी बार खिताब अपने नाम किया। यह मुकाबला जबरदस्त दर्शक संख्या और हौसले से भरे खिलाड़ियों की वजह से यादगार बन गया।

कप्तान पुष्पा डांग की अगुवाई में टीम ने पूरे टूर्नामेंट में अनुशासित और सामूहिक प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा:

पुष्पा डांग: “हम पूरे टूर्नामेंट में एकजुट थे, फाइनल में शुरुआती बढ़त ने आत्मविश्वास को और मजबूत किया।”

चैंपियनशिप इतिहास में झारखंड का दबदबा

झारखंड की टीम का लगातार चौथा खिताब यह दर्शाता है कि राज्य की बेटियां अब राष्ट्रीय पटल पर महिला हॉकी का नेतृत्व कर रही हैं।

🏆 वर्ष🏅 विजेता
2022झारखंड
2023झारखंड
2024झारखंड
2025झारखंड

इस उपलब्धि ने झारखंड को महिला हॉकी की नर्सरी के रूप में स्थापित कर दिया है। राज्य की बेटियों ने अपनी ट्रेनिंग, टीमवर्क और टैलेंट से यह सिद्ध किया है कि वे किसी से कम नहीं।

खेल मंत्री और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की उपस्थिति

फाइनल मुकाबले में झारखंड के खेल मंत्री सुदिव्य कुमार, भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान सलीमा टेटे और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ब्यूटी डुंगडुंग की उपस्थिति ने खिलाड़ियों के हौसले को दोगुना कर दिया।

खेल मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा: “बेटियों ने राज्य को गर्व से भर दिया है, आने वाले समय में ये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश का नाम रोशन करेंगी।”

उन्होंने विजेता टीम को ट्रॉफी और नकद पुरस्कार भी प्रदान किया। हरियाणा की टीम ने तीसरा स्थान पाते हुए ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया।

देशभर से जुटीं 28 टीमें, झारखंड बनी केंद्र बिंदु

इस प्रतियोगिता में देशभर की 28 टीमों ने हिस्सा लिया, लेकिन झारखंड की टीम ने अपने संतुलित प्रदर्शन, अनुशासन और खेल भावना से सभी का ध्यान आकर्षित किया।

इस जीत ने साबित कर दिया कि झारखंड की बेटियां आज हॉकी इंडिया के भविष्य की धुरी बन चुकी हैं।

न्यूज़ देखो: झारखंड की बेटियां बनीं नारी शक्ति की प्रेरणा

झारखंड की बेटियों ने इस शानदार जीत के साथ न केवल ट्रॉफी जीती, बल्कि नारी सशक्तिकरण और क्षेत्रीय खेल प्रतिभा को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया। झारखंड महिला हॉकी का पावरहाउस बनता जा रहा है, और यह जीत आने वाले खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

बेटियां बढ़ेंगी, तो देश बढ़ेगा!

खेल हो, शिक्षा हो या समाज सेवा — झारखंड की बेटियां अब हर क्षेत्र में अग्रणी हैं। अगर आपको यह खबर गर्व से भर देती है, तो इसे अपने दोस्तों और परिजनों के साथ ज़रूर साझा करें। टिप्पणी करके बताएं कि आप किस खेल में झारखंड को सबसे आगे देखना चाहते हैं।

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