
#झारखंड #खेल_गौरव : ग्वालियर में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अंडर 14 वर्ग में स्वर्ण और कांस्य पदक।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आयोजित 69वीं राष्ट्रीय स्कूल स्केटिंग चैंपियनशिप में झारखंड के युवा स्केटर रुद्रांश शर्मा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है। अंडर 14 बालक वर्ग में उन्होंने एक स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। यह प्रतियोगिता आईटीएम ग्लोबल स्कूल, ग्वालियर में आयोजित की गई थी, जिसमें देशभर से चुनिंदा खिलाड़ी शामिल हुए थे। रुद्रांश की यह उपलब्धि झारखंड के उभरते खेल प्रतिभाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनकर सामने आई है।
- रुद्रांश शर्मा ने अंडर 14 बालक वर्ग में दो पदक जीते।
- इनलाइन रोड रेस में स्वर्ण पदक हासिल किया।
- सिंगल स्केटिंग स्पर्धा में कांस्य पदक पर कब्जा।
- प्रतियोगिता का आयोजन आईटीएम ग्लोबल स्कूल, ग्वालियर में हुआ।
- झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (JEPC) ने दी बधाई।
झारखंड के लिए यह गर्व का क्षण है जब राज्य के एक युवा खिलाड़ी ने राष्ट्रीय मंच पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। 69वीं राष्ट्रीय स्कूल स्केटिंग चैंपियनशिप में रुद्रांश शर्मा ने अपने दमदार प्रदर्शन से यह साबित कर दिया कि सीमित संसाधनों के बावजूद झारखंड के खिलाड़ी प्रतिभा और आत्मविश्वास में किसी से कम नहीं हैं।
ग्वालियर में हुआ राष्ट्रीय स्तर का मुकाबला
यह प्रतिष्ठित प्रतियोगिता मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित आईटीएम ग्लोबल स्कूल परिसर में आयोजित की गई थी। इसमें देश के विभिन्न राज्यों से आए बेहतरीन स्केटर्स ने भाग लिया। अंडर 14 बालक वर्ग की स्पर्धाएं बेहद प्रतिस्पर्धात्मक रहीं, जहां हर खिलाड़ी पदक जीतने के लिए कड़ी मेहनत और रणनीति के साथ मैदान में उतरा।
इनलाइन रोड रेस में स्वर्णिम सफलता
इनलाइन रोड रेस में रुद्रांश शर्मा ने अपनी गति, संतुलन और रणनीतिक समझ का शानदार प्रदर्शन किया। पूरी रेस के दौरान उन्होंने आत्मविश्वास बनाए रखा और अंतिम क्षणों में निर्णायक बढ़त बनाते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। यह जीत न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि झारखंड के खेल इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय जोड़ती है।
सिंगल स्केटिंग में भी दिखाया दम
इसके अलावा सिंगल स्केटिंग स्पर्धा में भी रुद्रांश ने बेहतरीन कौशल का परिचय दिया। तकनीकी दक्षता और संतुलित प्रदर्शन के दम पर उन्होंने कांस्य पदक हासिल किया। दो अलग-अलग स्पर्धाओं में पदक जीतना उनकी बहुमुखी प्रतिभा और निरंतर अभ्यास का प्रमाण है।
मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास का परिणाम
रुद्रांश शर्मा की इस उपलब्धि के पीछे उनकी कड़ी मेहनत, अनुशासन और अटूट आत्मविश्वास की अहम भूमिका रही है। कम उम्र में राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह का प्रदर्शन यह दर्शाता है कि सही मार्गदर्शन और निरंतर अभ्यास से युवा खिलाड़ी बड़ी ऊंचाइयों को छू सकते हैं।
JEPC ने दी बधाई
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (JEPC) ने रुद्रांश शर्मा को इस दोहरे पदक जीत पर बधाई दी है। परिषद ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि इस तरह की उपलब्धियां राज्य के अन्य छात्रों और खिलाड़ियों को भी खेलों के प्रति प्रेरित करेंगी।
झारखंड के लिए गर्व का विषय
रुद्रांश की सफलता ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि झारखंड खेल प्रतिभाओं की धरती है। चाहे तीरंदाजी हो, एथलेटिक्स या अब स्केटिंग — राज्य के युवा खिलाड़ी हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रहे हैं। इस जीत से न केवल उनके परिवार और प्रशिक्षकों में खुशी है, बल्कि पूरे राज्य में उत्साह का माहौल है।
आगे की राह
खेल विशेषज्ञों का मानना है कि यदि रुद्रांश को सही प्रशिक्षण, संसाधन और निरंतर सहयोग मिलता रहा, तो वे आने वाले वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश और राज्य का नाम रोशन कर सकते हैं। उनकी यह उपलब्धि भविष्य की संभावनाओं की ओर एक मजबूत संकेत है।
न्यूज़ देखो: झारखंड की युवा प्रतिभा का राष्ट्रीय मंच पर जलवा
रुद्रांश शर्मा की दोहरी पदक जीत यह दिखाती है कि झारखंड के युवा खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में पूरी तरह सक्षम हैं। यह उपलब्धि खेल प्रशासन और शिक्षा व्यवस्था के लिए भी एक संदेश है कि जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं को पहचान कर सहयोग दिया जाए। ऐसे खिलाड़ी आने वाले समय में राज्य और देश का गौरव बढ़ा सकते हैं।
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सपनों को पंख देने की उम्र है यह
रुद्रांश शर्मा की सफलता हर उस बच्चे के लिए प्रेरणा है जो खेल के मैदान में अपने सपने देखता है।
मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।
जरूरत है सही मार्गदर्शन और निरंतर समर्थन की।
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