
#पटना #भीमआर्मी : झारखंड के हजारों कार्यकर्ताओं ने बापू सभागार में दिखाई एकजुटता — चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व में गूंजा सामाजिक न्याय का जयघोष
- भीम आर्मी का 10वां स्थापना दिवस और द्वितीय राष्ट्रीय अधिवेशन बापू सभागार पटना में भव्य आयोजन के साथ सम्पन्न हुआ।
- झारखंड से हजारों कार्यकर्ता और प्रदेश पदाधिकारी शामिल हुए, सभागार की कुर्सियाँ भी कम पड़ गईं।
- राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के लिए लोगों में जोश और भावनात्मक लगाव, घंटों खड़े रहकर जताया समर्थन।
- झारखंड, बिहार, यूपी, एमपी, बंगाल सहित देशभर से प्रतिनिधियों ने अपने-अपने राज्य की संघर्षगाथा साझा की।
- संस्थापक आजाद ने कहा — भीम आर्मी की ताकत से मनुवादियों के हौसले पस्त हो चुके हैं।
- बिहार चुनाव में आजाद समाज पार्टी को समर्थन देने का आह्वान, महिलाओं के सहयोग को बताया सबसे बड़ी प्रेरणा।
झारखंड के प्रतिनिधियों ने मंच से रखा संघर्ष और उम्मीद का स्वर
भीम आर्मी भारत एकता मिशन का 10वां स्थापना दिवस और द्वितीय राष्ट्रीय अधिवेशन मंगलवार को पटना स्थित बापू सभागार में हज़ारों कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में झारखंड राज्य से आए सैकड़ों प्रतिनिधियों की भागीदारी बेहद प्रभावशाली रही। झारखंड की ओर से प्रदेश अध्यक्ष कासिफ राजा, भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष संजय, रविराज, रामु कुमार रवि, सुनील उरांव, नागमणि रजक, त्रिपुरारी सिंह चेरो, शशिरंजन भारती, अनुराग भारती, प्रदीप रावण, अजय सिंह चेरो, यशवंत पासवान समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
चंद्रशेखर आजाद के स्वागत में गूंजा पूरा सभागार
जब भीम आर्मी संस्थापक व आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से सांसद एडवोकेट चंद्रशेखर आजाद सभागार में पहुंचे, तो “चंद्रशेखर आजाद जिंदाबाद”, “भीम आर्मी जिंदाबाद” और “आजाद समाज पार्टी जिंदाबाद” के नारों से सभागार गूंज उठा। हजारों लोग केवल उनके एक झलक के लिए घंटों खड़े रहे। उनके आगमन से सभागार में एक ज्वलंत ऊर्जा का संचार हुआ।
मिशन गीतों और बहुजन संघर्ष की दास्तानों ने जोड़ा जनमानस
कार्यक्रम की शुरुआत झारखंड सहित अन्य राज्यों के प्रदेश पदाधिकारियों द्वारा सभा संबोधन से हुई, जिसमें भीम आर्मी के 10 वर्षों के संघर्ष की झलक प्रस्तुत की गई। मिशन गायक सुदर्शन यादव ने बहुजन संतों और महापुरुषों के सम्मान में गीत प्रस्तुत किए और क्रांतिकारी नारों से सभागार को जोश से भर दिया।
चंद्रशेखर आजाद का भावुक संबोधन : जनता का पैसा मेरी सबसे बड़ी पूंजी
एडवोकेट चंद्रशेखर आजाद ने कहा: “आपने मुझे जो एक-एक रुपया दिया है, वह मेरे लिए हीरे से भी बेशकीमती है। यह ईंट-पत्थर ढोती मां-बहनों के पसीने की कमाई है, जिसे मैंने आज भी संभालकर रखा है। यही मेरा वजूद है।”
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भीम आर्मी की ताकत से आज मनुवादी ताकतें भयभीत हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि समानता, बंधुता, और सामाजिक न्याय की लड़ाई को और तेज करें। उन्होंने मीडिया के प्रोपेगेंडा पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर” जैसे मुद्दों के ज़रिए समाज को भटकाने की साजिश हो रही है।
चंद्रशेखर आजाद ने कहा: “भारत में अगर कोई सांसद दबे-कुचले, दलित-पिछड़े, महिलाओं और अल्पसंख्यकों की आवाज़ बनकर संसद में खड़ा होता है, तो वह केवल चंद्रशेखर आजाद है। और यह सब आपके समर्थन से ही संभव हो पाया है।”
बिहार चुनाव की तैयारी : बहुजनों के हक का भारत बनाने का आह्वान
अपने संबोधन में उन्होंने बिहार के कार्यकर्ताओं को विशेष संदेश देते हुए कहा कि अगर सचमुच अपने स्वाभिमान की पुनः स्थापना करनी है, तो बिहार चुनाव से इसकी शुरुआत करें। आजाद समाज पार्टी के उम्मीदवारों को जिताकर बहुजनों की आवाज़ को और बुलंद करें।
झारखंड की प्रतिनिधित्व ने बढ़ाया हौसला
झारखंड से आए कार्यकर्ताओं ने बताया कि वे चंद्रशेखर आजाद को सामाजिक न्याय की सबसे सशक्त आवाज मानते हैं और झारखंड में भी आजाद समाज पार्टी को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं। भीम आर्मी झारखंड यूनिट द्वारा अपने राज्य में चल रहे अभियान की जानकारी साझा की गई।



न्यूज़ देखो: बहुजन संघर्ष की सुनामी बना भीम आंदोलन
भीम आर्मी का यह महाधिवेशन इस बात का प्रमाण है कि बहुजन आंदोलन अब सीमाओं में नहीं बंधा है। यह एक राष्ट्रीय चेतना बन चुका है जो हर गली, हर गांव, हर राज्य तक अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। झारखंड से इतनी बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की भागीदारी इस बात का संकेत है कि वहां सामाजिक परिवर्तन की गूंज और तेज़ हो रही है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
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