
#राँची #विधानसभा_मार्च : JKLM नेताओं और समर्थकों की भारी मौजूदगी से राजधानी का राजनीतिक माहौल गर्म
- JKLM का विधानसभा मार्च, नेताओं–समर्थकों की बड़ी भागीदारी।
- छात्र अधिकार पदयात्रा 8 दिसंबर को राँची पहुँची।
- बूटी मोड़ पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण।
- आज सुबह 10 बजे पदयात्रा का नया चरण शुरू।
- केंद्रीय अध्यक्ष टाइगर जयराम महतो ने पदयात्रियों का उत्साह बढ़ाया।
राँची में मंगलवार की सुबह राजनीतिक हलचल अपने चरम पर दिखी, जब JKLM के विधानसभा मार्च में नेताओं और समर्थकों का सैलाब उमड़ पड़ा। शहर के कई हिस्सों में युवाओं, छात्रों और संगठन से जुड़े लोगों की सक्रियता से माहौल पूरी तरह राजनीतिक उत्साह में डूबा रहा। इसी के साथ छात्र अधिकार पदयात्रा का प्रभाव भी स्पष्ट रूप से दिखाई दिया, जिसने राजधानी में चर्चाओं को और तेज कर दिया।
छात्र अधिकार पदयात्रा 8 दिसंबर को राँची पहुँची
8 दिसंबर 2025 की शाम छात्र अधिकार पदयात्रा जब राँची में दाखिल हुई तो पदयात्रियों ने बूटी मोड़ स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपनी एकजुटता और संकल्प का संदेश दिया।
शहर में प्रवेश के बाद छात्रों और युवाओं का जोश देखने लायक था। नारे, पोस्टर, बैनर और संगठित काफिला यह दिखा रहा था कि यह आंदोलन केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि व्यापक छात्र अधिकार अभियान का केंद्र बिंदु बन चुका है।
पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे युवा नेताओं के साथ बड़ी संख्या में विद्यार्थी जुड़े हुए थे। इनका कहना था कि यह यात्रा उन सभी मुद्दों को उजागर करती है, जिनसे झारखंड का छात्र वर्ग लंबे समय से प्रभावित रहा है—भर्ती प्रक्रिया में देरी, बेरोज़गारी, परीक्षा–पद्धति में पारदर्शिता, और शिक्षा व्यवस्था की खामियाँ इसमें प्रमुख हैं।
9 दिसंबर की सुबह पदयात्रा का नया चरण शुरू
आज 9 दिसंबर की सुबह 10 बजे, पदयात्रा ने बूटी मोड़ से अपने नए चरण की शुरुआत की। इस अवसर पर संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष टाइगर जयराम महतो भी मौजूद रहे। वे कई चरणों में पदयात्रा की अगुवाई कर चुके हैं और छात्रों के बीच उनकी मजबूत पकड़ है।
महतो ने पदयात्रियों को संबोधित करते हुए कहा—
“यह पदयात्रा छात्रों के अधिकारों, भविष्य और सम्मान की लड़ाई का प्रतीक है। हमारा प्रयास है कि युवाओं की आवाज़ विधानसभा और शासन दोनों तक मजबूती से पहुँचे।”
उन्होंने राँची के लोगों से अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर इस आंदोलन को समर्थन देने की अपील की। महतो के संबोधन ने छात्रों में नया उत्साह भर दिया और मार्च में ऊर्जा और बढ़ गई।
मार्च में शामिल नेताओं और विद्यार्थियों का संदेश
पदयात्रा में शामिल नेताओं और विद्यार्थियों ने बताया कि यह अभियान केवल विरोध प्रदर्शन नहीं, बल्कि युवाओं की आवाज़ को संगठित, शांतिपूर्ण और प्रभावशाली तरीके से सत्ता तक पहुँचाने की कोशिश है।
छात्र नेताओं का कहना था कि—
- पदयात्रा लगातार बढ़ती संख्या और बढ़ते उत्साह के साथ आगे बढ़ रही है।
- प्रदेश का युवा वर्ग बदलाव और पारदर्शिता की माँग के साथ दृढ़ है।
- हर नया कदम छात्र अधिकार आंदोलन को मजबूत कर रहा है।
उन्होंने कहा कि झारखंड में शिक्षा और रोजगार से जुड़े मुद्दों को लेकर असंतोष बढ़ रहा है, और जब तक सुधार नहीं किए जाते, यह पदयात्रा रुकेगी नहीं।
विधानसभा मार्च ने शहर का माहौल बदला
JKLM के विधानसभा मार्च में भारी संख्या में नेताओं और समर्थकों के शामिल होने से राँची की सड़कों पर दिनभर राजनीतिक चर्चा तेज रही। प्रदर्शनकारी विभिन्न इलाकों से संगठित तरीके से रैली में पहुँचे, जिससे ट्रैफिक को भी कई जगह नियंत्रित करना पड़ा।
मार्च में शामिल युवा पोस्टर लेकर चल रहे थे, जिन पर छात्र अधिकार, पारदर्शी भर्ती, निष्पक्ष परीक्षा और रोजगार अवसरों की माँग लिखी हुई थी।
शहर के राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि विधानसभा सत्र के ठीक पहले ऐसा मार्च सरकार और विपक्ष दोनों के लिए ध्यानाकर्षण का बड़ा केंद्र बन गया है। JKLM की सक्रियता और छात्र अधिकार पदयात्रा का संयोजन आने वाले दिनों में राजनीतिक परिस्थितियों पर प्रभाव डाल सकता है।
शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
पदयात्रा और विधानसभा मार्च को देखते हुए शहर में सुरक्षा व्यवस्था काफी बढ़ा दी गई। बूटी मोड़, धुर्वा, अल्बर्ट एक्का चौक, विधानसभा परिसर तथा आसपास के मुख्य मार्गों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात था।
पुलिस ने ट्रैफिक पर विशेष नियंत्रण रखा और संवेदनशील स्थानों पर पैनी निगरानी बनाए रखी।

न्यूज़ देखो: युवाओं की आवाज़ और राजनीतिक सक्रियता का संगम
राँची में JKLM का विधानसभा मार्च और छात्र अधिकार पदयात्रा यह संकेत देते हैं कि झारखंड का युवा अब अधिकारों के लिए अधिक मुखर और संगठित रूप से सामने आ रहा है। आने वाले दिनों में यह आंदोलन सरकार पर दबाव बढ़ा सकता है और छात्र मुद्दों को राजनीतिक बहस के केंद्र में ला सकता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जागरूक युवा, मजबूत लोकतंत्र
युवा जब संगठित होकर अपने अधिकारों की माँग करते हैं, तो समाज और व्यवस्था दोनों मजबूत होती है।
आप भी अपने अधिकारों, शिक्षा और भविष्य से जुड़े सवालों पर सक्रिय रहें।
सार्थक बदलाव तभी आएगा जब हर नागरिक जिम्मेदारी से आवाज़ उठाए।
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