
#हैदराबाद #JMMLeader : तोपचांची के बेटे से मुलाकात पर गर्व, पुलिसिंग सुधार पर हुई चर्चा
- जेएलकेएम सुप्रीमो सह डुमरी विधायक जयराम महतो ने हैदराबाद में की मुलाकात।
- मुलाकात पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) तफसीर इकबाल से हुई।
- तफसीर इकबाल का संबंध धनबाद के तोपचांची क्षेत्र से है।
- जयराम महतो ने कहा—तोपचांची माटी का बेटा राज्य सेवा में देख गर्व हुआ।
- हैदराबाद पुलिसिंग मॉडल और झारखंड में सुधार की जरूरत पर चर्चा।
हैदराबाद दौरे पर गए जेएलकेएम सुप्रीमो सह डुमरी विधायक जयराम महतो ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण मुलाकात की। उन्होंने पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) तफसीर इकबाल से मुलाकात कर राज्य और पुलिसिंग से जुड़ी कई अहम बातों पर चर्चा की।
गर्व का क्षण: तोपचांची के बेटे से मुलाकात
इस मुलाकात का भावनात्मक पहलू भी खास रहा। जयराम महतो ने कहा कि आईजी तफसीर इकबाल उनके गृह क्षेत्र धनबाद जिले के तोपचांची के रहने वाले हैं। उन्होंने व्यक्त किया—
जयराम महतो ने कहा: “तोपचांची माटी का बेटा आज हैदराबाद में राज्य सेवा दे रहा है, यह गर्व का विषय है।”
पुलिसिंग मॉडल पर चर्चा
बैठक के दौरान हैदराबाद पुलिसिंग मॉडल और उसकी कार्यप्रणाली पर विस्तार से बातचीत हुई। जयराम महतो ने माना कि झारखंड पुलिस को भी कई क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बेहतर कानून-व्यवस्था से ही जनता का विश्वास मजबूत होता है।
अपनों से मुलाकात की खुशी
जयराम महतो ने आगे कहा कि जब राज्य से बाहर अपने क्षेत्र के लोगों से मुलाकात होती है, तो मन में एक अलग ही खुशी होती है। यह न केवल व्यक्तिगत गर्व का विषय है, बल्कि यह भी बताता है कि झारखंड की प्रतिभा देशभर में अपनी पहचान बना रही है।
न्यूज़ देखो: झारखंड के बेटों की नई पहचान
हैदराबाद में यह मुलाकात सिर्फ एक शिष्टाचार नहीं थी, बल्कि झारखंड की प्रतिभा और क्षमता की झलक भी दिखाती है। जब नेता और अधिकारी भविष्य के सुधारों पर मिलकर चर्चा करते हैं, तो यह राज्य के लिए सकारात्मक संकेत है।
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बदलाव की दिशा में सहभागिता जरूरी
झारखंड को बेहतर बनाने के लिए सभी का प्रयास जरूरी है। ऐसे संवाद नई सोच और नए रास्ते खोलते हैं। आप क्या सोचते हैं—झारखंड पुलिसिंग में किन सुधारों की जरूरत है? अपनी राय कमेंट करें, और इस खबर को दोस्तों और परिवार के साथ जरूर शेयर करें।
हैदराबाद की इस मुलाकात ने साबित किया कि भविष्य की दिशा तय करने के लिए सकारात्मक संवाद जरूरी है। झारखंड की पहचान अब सिर्फ राज्य तक सीमित नहीं, बल्कि देशभर में अपनी छाप छोड़ रही है।