घटना के मुख्य बिंदु
- स्थान: गुमला थाना क्षेत्र, कोरांबी
- घटना: वृद्ध बुद्धेश्वर उरांव को जलती चिता में जिंदा जलाना
- मुख्य आरोपी: झड़ी उरांव, कर्मपाल उरांव
- पुलिस की कार्रवाई: जांच तेज, फरार आरोपी की तलाश
- संबंधित: भूमि विवाद, ओझागुनी का आरोप
गुमला: गुमला थाना क्षेत्र के कोरांबी में एक गंभीर घटना घटित हुई, जहां वृद्ध बुद्धेश्वर उरांव को जलती चिता में जिंदा जलाने का मामला सामने आया। इस मामले पर पुलिस प्रशासन ने तीव्र कार्रवाई शुरू कर दी है। एसडीपीओ सुरेश प्रसाद यादव ने गांव पहुंचकर मृतक के परिजनों से बातचीत की और पुलिस ने पूरे मामले की जांच तेज कर दी है।
गांव के कई लोग भय के कारण गांव छोड़कर रिश्तेदारों के घर चले गए हैं और जो लोग अभी भी गांव में हैं, वे इस मामले पर कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है। पुलिस ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह मामला भूमि विवाद का प्रतीत हो रहा है, लेकिन सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।
मृतक बुद्धेश्वर उरांव की पत्नी ने अपने बयान में कहा कि जमीन का कोई विवाद नहीं था। घटनाक्रम के अनुसार, एक वृद्ध महिला मंगरी देवी की कुएं में डूबने से मौत हो गई थी। इसके बाद परिजनों का शक ओझागुनी करने वाले बुद्धेश्वर उरांव पर गया। उस समय, जब मंगरी देवी का अंतिम संस्कार हो रहा था, उसी वक्त उनके भाई झड़ी उरांव और भतीजे कर्मपाल उरांव ने बुद्धेश्वर उरांव पर टांगी से हमला किया और घायल अवस्था में उसे जलती चिता में डाल दिया।
इसके बाद आरोपी झड़ी उरांव ने गुमला थाना में जाकर आत्मसमर्पण कर दिया, जबकि कर्मपाल उरांव फरार है। पुलिस ने फरार आरोपी की तलाश के लिए कई ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन अभी तक उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रही है।
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