
#सिमडेगा #बिजलीसमस्या : ग्रामीण इलाकों में बिजली संकट को लेकर जिलाध्यक्ष ने विभाग से की अहम चर्चा – बांसजोर पावर हाउस शीघ्र चालू करने पर जोर
- झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष अनिल कांडुलना ने शनिवार को बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता से मुलाकात की।
- उन्होंने सिमडेगा जिले के ग्रामीण इलाकों में अस्थिर बिजली आपूर्ति और कम वोल्टेज की समस्याओं को लेकर चिंता व्यक्त की।
- विशेष रूप से बांसजोर पावर हाउस को तत्काल चालू करने की मांग की गई।
- झामुमो जिला सचिव मो सफीक खान ने अधूरे कनेक्शन और पुराने ट्रांसफार्मर बदलने की आवश्यकता जताई।
- बिजली विभाग ने आगामी 1–2 महीनों में पावर हाउस चालू करने और लंबित कार्यों को प्राथमिकता से पूरा करने का आश्वासन दिया।
सिमडेगा जिले में ग्रामीण इलाकों की बिजली आपूर्ति को लेकर गंभीर मुद्दे उजागर हुए। झामुमो जिलाध्यक्ष अनिल कांडुलना ने शनिवार को बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता से मुलाकात कर बांसजोर पावर हाउस को शीघ्र चालू करने की मांग की। इस दौरान उन्होंने कम वोल्टेज, अधूरे कनेक्शन और लंबित विद्युत कार्यों से उत्पन्न समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की। बैठक में यह भी तय हुआ कि विभाग तकनीकी टीमों के माध्यम से निरीक्षण और सुधार कार्य को प्राथमिकता देगा।
ग्रामीण इलाकों में बिजली की समस्या
अनिल कांडुलना ने बताया कि सिमडेगा जिले में कई ग्रामीण इलाके आज भी बिजली के अभाव में अंधेरे में हैं। किसान, छोटे व्यवसायी और आम जनता लगातार बिजली संकट से प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा,
अनिल कांडुलना ने कहा: “झामुमो की सरकार ने हर घर बिजली देने का संकल्प लिया है, परंतु कई जगह कार्यों में शिथिलता दिखाई दे रही है। अब समय है कि विभाग तत्परता दिखाए और बांसजोर जैसे पिछड़े क्षेत्रों को प्राथमिकता सूची में शामिल करे।”
बांसजोर पावर हाउस की प्राथमिकता
जिलाध्यक्ष ने विशेष रूप से बांसजोर प्रखंड के पावर हाउस को शीघ्र चालू करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका कहना था कि यह पावर हाउस कई पंचायतों की जीवनरेखा है और इसके बंद रहने से विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा,
अनिल कांडुलना ने कहा: “यदि यह पावर हाउस शीघ्र चालू नहीं किया गया तो ग्रामीण इलाकों के विकास कार्य प्रभावित होते रहेंगे। झामुमो जनता की आवाज़ है और हम तब तक संघर्ष करते रहेंगे जब तक गांव-गांव उजाला नहीं पहुँच जाता।”
अधूरे कनेक्शन और पुराने उपकरण
जिला सचिव मो सफीक खान ने कहा कि जिन गांवों में ट्रांसफार्मर नहीं लगे हैं या कनेक्शन अधूरे हैं, वहां कार्य तुरंत पूरा किया जाए। उन्होंने बताया कि बिजली के अभाव में शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा,
मो सफीक खान ने कहा: “ग्रामीण इलाकों में बिजली के अभाव में शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि कार्य प्रभावित हो रहे हैं। विभाग को तकनीकी टीमों को नियमित निरीक्षण पर भेजना चाहिए और पुराने तार, जर्जर पोल या ट्रांसफार्मर की खराबी को बदलने के लिए अभियान चलाना चाहिए।”
विभाग का आश्वासन
बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता ने झामुमो नेताओं की बातों को गंभीरता से सुनते हुए आश्वासन दिया कि आने वाले 1–2 महीनों में बांसजोर पावर हाउस चालू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि तकनीकी रिपोर्ट तैयार है और लंबित कार्यों को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाएगा। विभाग योजनाबद्ध तरीके से ग्रामीण इलाकों में बेहतर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है।
झामुमो की प्रतिबद्धता
अनिल कांडुलना ने कहा कि झामुमो हमेशा जनता की आवाज़ और संघर्ष का प्रतीक रही है। पार्टी का उद्देश्य सिर्फ सत्ता नहीं, बल्कि जनता तक सुविधा और विकास पहुँचाना है। उन्होंने कहा,
अनिल कांडुलना ने कहा: “हम प्रशासन से सहयोग चाहते हैं और जनता तक उजाला पहुँचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।”
इस अवसर पर झामुमो के अन्य नेता भी उपस्थित रहे, जिनमें केंद्रीय सदस्य नोवास केरकेट्टा, जिला कोषाध्यक्ष राजेश टोप्पो और अन्य पदाधिकारी शामिल थे। सभी नेताओं ने बिजली विभाग से अपेक्षा जताई कि वह त्वरित कार्रवाई करे, ताकि बांसजोर प्रखंडवासी जल्द ही बिजली का लाभ ले सकें।
न्यूज़ देखो: ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति सुधार की दिशा में झामुमो की सक्रियता
सिमडेगा जिले में बिजली संकट पर झामुमो नेताओं की पहल दर्शाती है कि जनहित और विकास हमेशा प्राथमिकता है। बांसजोर पावर हाउस के शीघ्र चालू होने से ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि कार्यों में सुधार संभव होगा। प्रशासन और विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्रामीण इलाकों में स्थायी और नियमित बिजली आपूर्ति हो। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
उजाले की दिशा में जागरूकता और सक्रियता
सिमडेगा के ग्रामीण इलाकों में बिजली संकट से निपटने के लिए सभी नागरिकों और स्थानीय नेताओं को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। बिजली केवल सुविधा नहीं, बल्कि विकास की रीढ़ है। यह समय है कि हम सब मिलकर उजाला पहुँचाने में योगदान दें, समस्याओं की पहचान करें और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराएँ। अपनी राय कमेंट करें, खबर को साझा करें और जागरूकता फैलाएँ ताकि हर गांव तक स्थायी बिजली पहुँच सके।