रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने आज भाजपा और चुनाव आयोग पर तीखे हमले करते हुए दोनों को ‘बंटी और बबली’ की उपाधि दी, जो देश के लोकतंत्र को बेचने में लगे हुए हैं। जेएमएम के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने रांची में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बयान दिया। उन्होंने इस मौके पर हेमंत सरकार के पिछले पांच सालों की उपलब्धियां गिनाईं और सरकार द्वारा झेली गई चुनौतियों का विस्तार से जिक्र किया।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, “जब 2019 में झामुमो बहुमत लाकर सत्ता में आई, तो हमारा स्वागत कोरोना महामारी से हुआ। दो साल इस महामारी से लड़ाई में बीते। जब महामारी का प्रकोप कम हुआ, तो सरकार को गिराने की साजिशें शुरू हो गईं। बावजूद इसके, हेमंत सरकार हर मोर्चे पर डटी रही और सफल साबित हुई। अब चुनाव की घोषणा हो चुकी है और हम फिर से चुनावी मैदान में हैं।”
उन्होंने कहा कि पिछले कार्यकाल में सरकार ने किसानों से लेकर युवाओं और छात्रों के हित में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनके साथ अब जनता के बीच जाएंगे।
चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप
चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि चुनाव आयोग अब निष्पक्ष नहीं रहा है। उन्होंने कहा, “हरियाणा का चुनाव पहले महाराष्ट्र के साथ हुआ करता था, लेकिन इस बार हरियाणा में अकेले चुनाव कराया गया, और झारखंड को महाराष्ट्र के साथ जोड़ दिया गया। यह साफ संकेत है कि चुनाव आयोग किसी के इशारों पर काम कर रहा है।”
उन्होंने एक पुरानी बॉलीवुड फिल्म ‘बंटी और बबली’ का जिक्र करते हुए कहा, “जिस तरह फिल्म में ताजमहल को बेचा गया था, वैसे ही भाजपा और चुनाव आयोग जम्हूरियत को बेचने में लगे हैं।”
चुनावी घोषणा पर सवाल
भट्टाचार्य ने चुनाव की घोषणा पर भी सवाल उठाया, “पहले चरण में केवल 43 सीटों पर ही चुनाव की घोषणा क्यों हुई, जबकि यह 47 भी हो सकती थी? मांडू, रामगढ़, और खिजरी का नाम क्यों नहीं है?”
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