
#चंदवा #शोकसभा : सुरेश गंझु के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए परिवार को हर संभव मदद का भरोसा
- झामुमो नेता जुनैद अनवर दिवंगत सुरेश गंझु के पैतृक गांव कैलाखाड़ पहुंचे।
- शोकाकुल परिजनों से मुलाकात कर दिया ढांढस और संवेदना का संदेश।
- अनवर ने कहा, सुरेश गंझु का निधन संगठन और समाज के लिए बड़ी क्षति।
- परिजनों ने बताया कि वे हमेशा लोगों की मदद और समाज सेवा में आगे रहते थे।
- कई स्थानीय नेता और ग्रामीण मौजूद रहकर परिवार को संबल देने पहुंचे।
चंदवा में झामुमो नेता जुनैद अनवर रविवार को दिवंगत सुरेश गंझु के घर पहुंचे और शोकाकुल परिवार से मुलाकात की। उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की और भरोसा दिलाया कि संगठन और वे स्वयं हर संभव मदद के लिए साथ खड़े रहेंगे।
समाज के लिए अपूरणीय क्षति
जुनैद अनवर ने कहा कि सुरेश गंझु एक मृदुभाषी और सामाजिक सोच रखने वाले व्यक्ति थे। उनके निधन से संगठन ही नहीं बल्कि पूरे समाज को गहरा आघात पहुंचा है। उन्होंने कहा कि इस कमी की भरपाई निकट भविष्य में संभव नहीं है।
परिवार और ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
परिजनों ने बताया कि सुरेश गंझु हमेशा गांव और संगठन के हित में खड़े रहते थे। उनकी दिनचर्या का हिस्सा लोगों की मदद करना था। उनके निधन से जहां परिवार शोक में है, वहीं ग्रामीणों ने भी इसे अपनी बड़ी क्षति बताया।
बड़ी संख्या में मौजूद रहे स्थानीय लोग
इस अवसर पर एस रज़ा, धन्नू खान, मो. एकराम, मंसूर अंसारी, मो. मोनाजिर, अख्तर अंसारी, मो. सलमान अंसारी, धनराज यादव, आशिक अंसारी, मो. मतीम, मो. साजिद, मो. शमीम, चांद खान, अहमद अली, सद्दाम खान समेत अन्य स्थानीय ग्रामीण उपस्थित रहे और परिवार को संबल दिया।
न्यूज़ देखो: सामाजिक नेतृत्व की कमी और जनता की पीड़ा
सुरेश गंझु जैसे व्यक्ति का जाना केवल एक परिवार की क्षति नहीं बल्कि पूरे समाज का नुकसान है। ऐसे नेतृत्व की अनुपस्थिति ग्रामीणों और संगठन दोनों के लिए गहरी चिंता का विषय है।
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समाज सेवा की राह पर आगे बढ़ने का संकल्प
सुरेश गंझु का जीवन इस बात का उदाहरण है कि सच्ची सेवा लोगों के बीच रहकर ही की जाती है। अब जरूरत है कि हम सब मिलकर उनके अधूरे सपनों को पूरा करने का प्रयास करें। अपनी राय साझा करें और इस खबर को दूसरों तक पहुंचाएं ताकि यह संदेश दूर-दूर तक फैले।