#रामनाथतुरी #झामुमो — संघर्ष, सादगी और समाजसेवा के प्रतीक को पार्टी ने नम आंखों से दी विदाई
- झामुमो कार्यालय में आयोजित हुई श्रद्धांजलि सभा, दो मिनट का मौन रखा गया
- जिलाध्यक्ष शुभ राम ने बताया उन्हें आंदोलन का मजबूत स्तंभ
- पार्टी नेताओं ने कहा – तुरी जी सादगी और संघर्ष के प्रतीक थे
- दाह संस्कार चिनिया पंचायत में पार्टी झंडे के साथ हुआ
- नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने जताया गहरा शोक
समाजसेवा और आंदोलन से जुड़ी रही पूरी जिंदगी
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेता रामनाथ तुरी के निधन से पार्टी और जिले की राजनीति को गहरा धक्का लगा है।
शनिवार को झामुमो कार्यालय में आयोजित शोकसभा में नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
रामनाथ तुरी को झारखंड आंदोलन का सक्रिय योद्धा और गरीब, दलित और किसान वर्ग का सच्चा प्रतिनिधि माना जाता था।
वे पूर्व में चिनिया पंचायत के मुखिया भी रह चुके थे और उन्होंने समाजसेवा को ही अपना धर्म माना।
“रामनाथ तुरी एक विचारधारा थे” — शुभ राम
शोकसभा की अध्यक्षता कर रहे झामुमो जिलाध्यक्ष शुभ राम ने कहा:
“रामनाथ तुरी का जीवन संघर्ष और समाजसेवा से जुड़ा रहा। वे गरीब, शोषित और वंचित वर्ग की बुलंद आवाज थे। उनके निधन से पार्टी को अपूरणीय क्षति हुई है।”
— शुभ राम, जिलाध्यक्ष झामुमो
नेताओं ने साझा किए तुरी जी के साथ के अनुभव
सभा में शामिल अन्य नेताओं ने कहा कि रामनाथ तुरी सादगी, ईमानदारी और प्रतिबद्धता के प्रतीक थे।
उनकी शैली में कोई दिखावा नहीं था, और वे जनता से सीधे जुड़कर काम करना पसंद करते थे।
कार्यक्रम के अंत में दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
अंतिम विदाई चिनिया में, पार्टी झंडे से दी विदाई
शोकसभा के बाद झामुमो के जिला कमेटी के सदस्यों ने चिनिया स्थित उनके पैतृक आवास पहुंचकर
उनके पार्थिव शरीर पर झामुमो का झंडा ओढ़ाया और पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी।
दाह संस्कार में पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और स्थानीय कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
मौके पर ये प्रमुख नेता रहे मौजूद
इस अवसर पर शंभू राम, शरीफ अंसारी, जवाहर पासवान, धीरज दुबे, तनवीर आलम,
मनोज ठाकुर, शंभू चंद्रवंशी, सरवन सिंह खरवार, चंदन जायसवाल, आशीष अग्रवाल,
मनोज तिवारी, फुजैल अहमद, सूर्य प्रकाश सुड्डू, कामेश्वर चौधरी, आराधना सिंह,
गुलाम हुसैन, रितेश तिवारी, जितेंद्र दुबे, मनीष कमलापुरी, अमरनाथ पांडेय,
इसराइल खान सहित दर्जनों कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद थे।
न्यूज़ देखो : समाजसेवियों की स्मृतियां भी खबर हैं
न्यूज़ देखो उन राजनीतिक-सामाजिक चेहरों की स्मृति को जीवित रखने में विश्वास रखता है,
जिन्होंने समाज और जनता के लिए अद्वितीय योगदान दिया है।
रामनाथ तुरी जैसे नेताओं की जीवनगाथा नई पीढ़ी को संघर्ष और जनसेवा की प्रेरणा देती है।
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