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अहिल्याबाई होलकर जयंती पर झामुमो ने दिखाया सामाजिक जागरूकता का संकल्प

#गढ़वा #अहिल्याबाईहोलकरजयंती – झारखंड मुक्ति मोर्चा ने प्रतिमा स्थल पर किया भव्य आयोजन, नेताओं ने दी ऐतिहासिक योगदानों को श्रद्धांजलि

  • गढ़वा में झामुमो ने मनाई समाज सुधारिका अहिल्याबाई होलकर की जयंती
  • जिला अध्यक्ष शंभू राम ने गढ़वा में स्थापित प्रतिमा को बताया गर्व का विषय
  • भाजपा पर लगाया आरोप—महापुरुषों की प्रतिमा लगाने में नाकाम रही
  • मिथिलेश ठाकुर के प्रयासों को नेताओं ने सराहा, बताया सामाजिक चेतना का प्रतीक
  • स्थानीय लोगों और कार्यकर्ताओं की बड़ी भागीदारी से कार्यक्रम हुआ सफल
  • प्रतिमा स्थापना को बताया गया महिला सशक्तिकरण का प्रतीकात्मक कदम

गढ़वा में सामाजिक चेतना का उत्सव बना अहिल्याबाई होलकर जयंती समारोह

गढ़वा जिले में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के बैनर तले आयोजित अहिल्याबाई होलकर की 30वीं जयंती केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं बल्कि सामाजिक चेतना और राजनीतिक जिम्मेदारी का प्रतीक बन गई। टाउन हॉल परिसर स्थित अहिल्याबाई की प्रतिमा स्थल पर आयोजित इस कार्यक्रम में नेताओं, कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों की भारी उपस्थिति रही।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रतिमा स्थल पर माल्यार्पण और श्रद्धांजलि के साथ हुई। जिला अध्यक्ष शंभू राम ने कहा कि यह गर्व की बात है कि झारखंड में अहिल्याबाई होलकर की पहली प्रतिमा गढ़वा जिले में स्थापित की गई है।

पूर्व विधायक मिथिलेश ठाकुर के योगदान को मिली सराहना

इस मौके पर वक्ताओं ने स्पष्ट कहा कि गढ़वा में सामाजिक महापुरुषों की प्रतिमाओं की स्थापना की शुरुआत पूर्व विधायक मिथिलेश ठाकुर ने की थी।

“गढ़वा के बेटे मिथिलेश कुमार ठाकुर ने विधायक बनने के बाद समाज की ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने का गंभीर प्रयास किया।” — शंभू राम, जिला अध्यक्ष

जिला सचिव शरीफ अंसारी ने भी कहा कि ठाकुर ने सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि समाज में चेतना लाने का काम किया है। उन्होंने गढ़वा को इतिहास और प्रेरणा का केंद्र बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं।

भाजपा पर लगाया गया सामाजिक मुद्दों की अनदेखी का आरोप

झामुमो के कोषाध्यक्ष चंदन जयसवाल ने भाजपा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा ने गढ़वा में कई बार सत्ता में रहते हुए भी किसी भी समाज सुधारक की प्रतिमा स्थापित नहीं करवाई। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सामाजिक मुद्दों को सिर्फ चुनावी एजेंडा तक सीमित रखती है।

“विडंबना यह है कि जिन प्रतिनिधियों ने कभी सामाजिक प्रतीकों की परवाह नहीं की, उन्हें आज उसी के सामने सिर झुकाना पड़ रहा है।” — चंदन जयसवाल, कोषाध्यक्ष, झामुमो

कार्यक्रम में जनता की भागीदारी और महिला सशक्तिकरण पर जोर

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और महिलाओं की उपस्थिति देखने को मिली। लोगों ने अहिल्याबाई होलकर के महिला सशक्तिकरण और न्यायप्रियता से जुड़े कार्यों को याद किया और उन्हें आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बताया।

वक्ताओं ने संकल्प लिया कि हर वर्ष इस दिन को सामाजिक प्रेरणा दिवस के रूप में मनाया जाएगा, ताकि युवा पीढ़ी अपने इतिहास और संस्कृति से जुड़े रह सकें।

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