#गढ़वा #राजनीतिकआंदोलन : 130वें संशोधन को जनविरोधी बताते हुए झामुमो कार्यकर्ताओं ने रंका मोड़ पर किया केंद्र सरकार का पुतला दहन
- झामुमो कार्यकर्ताओं ने 130वें संविधान संशोधन के खिलाफ जोरदार विरोध किया।
- टाउन हॉल मैदान से शवयात्रा निकालकर रंका मोड़ पर किया गया पुतला दहन।
- जिला अध्यक्ष शंभू राम ने कहा कि यह संशोधन संविधान और संघीय ढांचे पर हमला है।
- शरीफ अंसारी ने बाबा साहेब अंबेडकर की विरासत बचाने की अपील की।
- झामुमो ने जनता से एकजुट होकर विरोध करने का आह्वान किया।
- चेतावनी दी कि संशोधन वापस न हुआ तो राज्यव्यापी आंदोलन तेज किया जाएगा।
गढ़वा जिले में रविवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। संविधान में प्रस्तावित 130वें संशोधन को जनविरोधी बताते हुए कार्यकर्ताओं ने टाउन हॉल मैदान से शवयात्रा निकालकर रंका मोड़ पर पहुंचकर केंद्र सरकार का पुतला दहन किया और जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर झामुमो कार्यकर्ताओं का आक्रोश साफ झलक रहा था।
झामुमो नेताओं का आक्रोश
झामुमो जिला अध्यक्ष शंभू राम ने कहा कि 130वां संशोधन न केवल संविधान की मूल आत्मा से छेड़छाड़ है, बल्कि यह भारत के संघीय ढांचे पर सीधा हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्यों के अधिकारों को लगातार कमजोर करने का काम कर रही है।
जिला सचिव शरीफ अंसारी ने कहा कि संविधान बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की दूरदृष्टि और करोड़ों भारतीयों के संघर्ष का परिणाम है।
शरीफ अंसारी ने कहा: “केंद्र सरकार बार-बार संविधान में बदलाव कर जनता की आवाज़ दबाने की कोशिश कर रही है। 130वां संशोधन भी उसी कड़ी का हिस्सा है, जिसे झामुमो किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगा।”
विपक्ष और लोकतंत्र पर खतरे का आरोप
झामुमो नेताओं ने आरोप लगाया कि पिछले वर्षों में केंद्र सरकार ने बार-बार राज्यों की चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करने की कोशिश की है। चुने हुए मुख्यमंत्रियों को मनमाने ढंग से जेल भेजा गया और संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर विपक्षी दलों को तोड़ने का खेल खेला गया।
नेताओं ने कहा कि यह संशोधन केवल विपक्षी दलों के लिए ही नहीं बल्कि भाजपा की सहयोगी पार्टियों के लिए भी खतरा है। जो भी दल केंद्र की नीतियों का विरोध करेगा, उसके नेताओं को झूठे मुकदमों में फंसाकर जेल भेजने की साजिश की जाएगी।
जनता से अपील और आंदोलन की चेतावनी
प्रदर्शन के दौरान झामुमो कार्यकर्ताओं ने जनता से अपील की कि वे संविधान बचाने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए इस संशोधन के खिलाफ एकजुट हों। पार्टी नेताओं ने साफ चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार ने संशोधन वापस नहीं लिया तो राज्यभर में बड़े पैमाने पर आंदोलन छेड़ा जाएगा।
बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की मौजूदगी
इस विरोध प्रदर्शन में झामुमो जिला अध्यक्ष शंभू राम, जिला सचिव शरीफ अंसारी, तनवीर आलम खां, मनोज कुमार ठाकुर, जवाहर पासवान, अनिता दत, धीरज दुबे, निलु खां, फुजैल अहमद, अरविंद यादव, रंथा नायक, वसीम खां, संजय सिंह छोटू, फरीद खां, धनंजय तिवारी, मुजीबुर रहमान, बब्लु तिवारी, शफीक अंसारी, जब्बार खां, दिव्य प्रकाश केसरी, आशीष अग्रवाल, रेखा चौबे, आराधना सिंह, नवीन तिवारी, राजन उराँव समेत बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।

न्यूज़ देखो: संविधान की रक्षा के नाम पर संगठित होती ताकत
झामुमो का यह विरोध केवल केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी भर नहीं, बल्कि संविधान की रक्षा और लोकतंत्र की मजबूती का आह्वान है। 130वें संशोधन के खिलाफ उठती आवाजें आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति की दिशा तय कर सकती हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
संविधान बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी
आज जरूरत है कि हम सब लोकतंत्र और संविधान की मूल आत्मा को बचाने के लिए सजग नागरिक बनें। झामुमो के इस आंदोलन से हमें यह संदेश मिलता है कि जब भी लोकतंत्र पर खतरा मंडराता है, तब जनता की एकजुटता ही सबसे बड़ी ताकत होती है। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं ताकि जागरूकता फैले।