
#गिरिडीह #संविधान_संशोधन : झामुमो कार्यकर्ताओं ने टावर चौक पर किया पुतला दहन, केंद्र सरकार पर लोकतंत्र कमजोर करने का लगाया आरोप
- झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने गिरिडीह में संविधान संशोधन विधेयक 2025 के खिलाफ प्रदर्शन किया।
- जिला कार्यालय से टावर चौक तक निकाले गए जुलूस में कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार का पुतला दहन किया।
- कार्यक्रम की अध्यक्षता महालाल सोरेन ने और संचालन अजीत कुमार पप्पू ने किया।
- पूर्व विधायक केदार हाजरा ने विधेयक को लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर करने वाला बताया।
- प्रदर्शन में सैकड़ों कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की मौजूदगी रही।
गिरिडीह में रविवार को झामुमो कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए संविधान संशोधन विधेयक 2025 के खिलाफ सड़कों पर उतरकर जमकर विरोध दर्ज कराया। जिला कार्यालय से टावर चौक तक निकाले गए जुलूस के दौरान कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी करते हुए केंद्र सरकार का पुतला दहन किया और विधेयक को जनता के अधिकारों पर हमला करार दिया।
लोकतंत्र की जड़ों पर प्रहार बताया
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष महालाल सोरेन ने की और संचालन अजीत कुमार पप्पू ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे पूर्व विधायक केदार हाजरा ने कहा कि यह विधेयक लोकतंत्र की बुनियाद को कमजोर करने वाला है और जनता की भावना तथा अधिकारों के खिलाफ है।
केदार हाजरा: “संविधान संशोधन विधेयक लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर करता है। झामुमो संविधान और सामाजिक न्याय की रक्षा के लिए हमेशा संघर्षरत रहा है और आगे भी रहेगा।”
झारखंड से उठी आवाज पूरे देश में गूंजेगी
जिलाध्यक्ष महालाल सोरेन ने कहा कि संविधान से छेड़छाड़ देश की लोकतांत्रिक संरचना पर सीधा हमला है। उन्होंने दावा किया कि झारखंड से उठी विरोध की यह आवाज पूरे देश में गूंजेगी। वहीं, अजीत कुमार पप्पू ने साफ कहा कि झामुमो इस विधेयक का विरोध सड़क से लेकर सदन तक करेगा।
जनता के समर्थन का दावा
जिला प्रवक्ता कृष्ण मुरारी शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र की इस लड़ाई में गिरिडीह की जनता हर कदम पर झामुमो के साथ खड़ी है। उन्होंने भरोसा जताया कि यह आंदोलन केवल गिरिडीह तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे झारखंड और देश भर में व्यापक असर डालेगा।
कार्यक्रम में जिले और प्रखंड स्तर के कई पदाधिकारी तथा सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए। पूरे विरोध प्रदर्शन के दौरान वातावरण पूरी तरह आंदोलनमय रहा।
न्यूज़ देखो: लोकतंत्र की रक्षा के लिए झामुमो का संघर्ष
संविधान संशोधन विधेयक के खिलाफ गिरिडीह में हुआ यह प्रदर्शन बताता है कि जनता और विपक्षी दल लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा को लेकर सतर्क हैं। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और तेज हो सकता है और पूरे देश में बहस का केंद्र बनेगा।
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संविधान की रक्षा में जनता की भागीदारी जरूरी
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