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सिमडेगा में झामुमो का जोरदार विरोध प्रदर्शन असंवैधानिक विधेयक के खिलाफ पुतला दहन

#सिमडेगा #संविधान_संशोधन : झूलन सिंह चौक पर झामुमो कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, केंद्र सरकार को दी कड़ी चेतावनी

सिमडेगा में रविवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने केंद्र सरकार द्वारा संसद में पारित असंवैधानिक विधेयक के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। झूलन सिंह चौक पर आयोजित इस विरोध कार्यक्रम में पार्टी कार्यकर्ताओं ने भाजपा और केंद्र सरकार का पुतला दहन किया और विधेयक को लोकतंत्र और संविधान पर सीधा हमला करार दिया।

अनिल कंडुलना ने दी सख्त चेतावनी

झामुमो जिला अध्यक्ष अनिल कंडुलना ने कहा कि यह विधेयक पूरी तरह असंवैधानिक है और झामुमो इसका हर स्तर पर पुरजोर विरोध करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि केंद्र सरकार इस विधेयक को वापस नहीं लेती है, तो झामुमो की लड़ाई सड़क से लेकर संसद तक जारी रहेगी।

अनिल कंडुलना: “ना झुके हैं, ना झुकेंगे। झामुमो संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए हर कुर्बानी देगा।”

भारी संख्या में नेताओं की मौजूदगी

प्रदर्शन के दौरान पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी उपस्थित रहे। इनमें जिला सचिव सफीक खान, केंद्रीय समिति सदस्य नोवस केरकेट्टा, फिरोज अली, संजू डांग, सुनील खेस, प्रफुल्लित डुंगडुंग, नुसरत खातून, जिला उपाध्यक्ष रितेश बड़ाइक, अनिल तिर्की, ऑस्कर डांग, सरफराज अहमद, कोषाध्यक्ष राजेश टोप्पो, संगठन सचिव वकील खान, महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष रोज प्रतिमा सोरेन, पूर्व केंद्रीय सदस्य मो. शाहिद, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष विनोद तिर्की, क्रीड़ा मोर्चा जिला अध्यक्ष देवेंद्र साहू, नगर अध्यक्ष अनस आलम, नगर उपाध्यक्ष मो. इकबाल, नगर संगठन सचिव कुंदन कुमार रजक, अल्पसंख्यक मोर्चा जिला अध्यक्ष मो. सकील अहमद, उपाध्यक्ष मो. शहीद अनसारी और कई अन्य कार्यकर्ता शामिल थे।

जनता के बीच बढ़ा आक्रोश

झूलन सिंह चौक पर हुए इस प्रदर्शन ने इलाके के लोगों का ध्यान आकर्षित किया। झामुमो नेताओं का कहना है कि जनता अब इस विधेयक के खिलाफ एकजुट हो रही है और आने वाले दिनों में आंदोलन और भी तेज होगा।

न्यूज़ देखो: लोकतंत्र पर हमले के खिलाफ सिमडेगा की आवाज

सिमडेगा में झामुमो द्वारा किया गया यह पुतला दहन साबित करता है कि जनता संविधान से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेगी। झारखंड से उठी यह आवाज अब राष्ट्रीय आंदोलन का रूप ले सकती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

लोकतंत्र की रक्षा में एकजुटता की जरूरत

अब वक्त है कि हम सब लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए सजग और सक्रिय बनें। संविधान और अधिकारों की सुरक्षा तभी संभव है जब जनता मिलकर आवाज उठाए। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को अधिक से अधिक साझा करें ताकि जनचेतना का दायरा और विस्तृत हो।

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