- पीडीएस में कथित बड़े घोटाले की जांच की मांग।
- कंप्यूटर ऑपरेटरों और अन्य कर्मियों की कार्यशैली पर गंभीर आरोप।
- मनरेगा, वन विभाग और खनिज तस्करी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा।
- आंदोलन की रणनीति बनाकर एसडीएम को प्रतिवेदन देने का निर्णय।
जमुआ: प्रखंड कार्यालय में सोमवार को पंचायत समिति सदस्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रमुख, उप प्रमुख और समिति के अन्य सदस्य शामिल हुए। बैठक में विभिन्न विभागों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए गए और पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) में कथित तौर पर हुए घोटालों की जांच की मांग की गई।
पीडीएस में घोटाले का आरोप
पंसस अंजन सिन्हा, सुरेश चंद्रवंशी, मो. गफूर आदि ने बैठक के दौरान आरोप लगाया कि डीएसओ की मिलीभगत से पीडीएस में बड़ा घोटाला किया गया है। सदस्यों ने इस गड़बड़ी को उजागर करने और कार्रवाई सुनिश्चित कराने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही।
कर्मचारियों की कार्यशैली पर उठे सवाल
बैठक में पीएम आवास योजना, पंद्रहवीं वित्त योजना और अंचल कार्यालय के कंप्यूटर ऑपरेटरों की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए गए। सदस्यों ने आरोप लगाया कि इन योजनाओं के तहत रैयतों का शोषण किया जा रहा है।
मनरेगा और वन विभाग पर चर्चा
मनरेगा के बीपीओ गणेश कुमार की कार्यशैली और वन विभाग की लापरवाही पर भी चर्चा हुई। सदस्यों ने कहा कि वन विभाग की मिलीभगत से वन भूमि पर अवैध कब्जा और खनिज तस्करी हो रही है।
आंदोलन की तैयारी
प्रमुख प्रतिनिधि संजीत यादव ने सदस्यों को भरोसा दिलाया कि प्रखंड और अंचल कर्मियों को सुधार का अवसर दिया जाएगा, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बैठक में यह तय किया गया कि आंदोलन की रणनीति बनाकर एसडीएम को लिखित प्रतिवेदन सौंपा जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर पैदल मार्च भी किया जाएगा।
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पंचायत समिति की यह बैठक प्रशासनिक व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण कदम है। जुड़े रहें ‘न्यूज़ देखो’ के साथ, ताकि आपको पंचायत और प्रखंड से जुड़ी हर खबर का अपडेट मिलता रहे।