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JPSC से लेकर बालू घोटाले तक: सत्येंद्र तिवारी ने विधानसभा में उठाए गंभीर मुद्दे, सरकार को घेरा

हाइलाइट्स :

  • JPSC अध्यक्ष की नियुक्ति में देरी पर सरकार को घेरा
  • नगर पंचायत चुनाव न होने पर कड़ी नाराजगी
  • गढ़वा से मरीजों को रिम्स रेफर करने में आ रही समस्याओं पर सवाल
  • बालू घोटाले में अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप
  • झारखंड में ट्रांसपोर्ट और सड़क व्यवस्था में लापरवाही उजागर

JPSC अध्यक्ष की नियुक्ति में देरी पर कड़ा सवाल

विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने विधानसभा में झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) के अध्यक्ष की नियुक्ति में हो रही देरी को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि JPSC के अध्यक्ष की अनुपस्थिति के कारण सरकारी नौकरियों की नियुक्तियां रुकी पड़ी हैं, जिससे राज्य के युवाओं का भविष्य अंधकार में है।

“सरकार जानबूझकर JPSC को निष्क्रिय बनाए रखना चाहती है ताकि पारदर्शी तरीके से भर्तियां न हो सकें।”

नगर पंचायत चुनाव में देरी पर नाराजगी

तिवारी ने कहा कि झारखंड में नगर पंचायत चुनाव लगातार टाले जा रहे हैं, जिससे जनता को उनके निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं मिल पा रहे। उन्होंने सरकार पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा कि चुनाव जल्द से जल्द कराए जाएं।

गढ़वा से रिम्स मरीज रेफर करने की समस्या उठाई

विधायक ने स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली पर सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि गढ़वा जिले के मरीजों को रांची के रिम्स में रेफर करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि 108 एम्बुलेंस सेवा ठीक से काम नहीं कर रही, जिससे गंभीर मरीजों को तत्काल चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही। कई बार ऑक्सीजन सप्लाई की कमी और अस्पतालों में बेड न मिलने की समस्या भी सामने आई है।

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“गढ़वा के मरीजों को रिम्स पहुंचने में कई घंटे लग जाते हैं और रास्ते में ही उनकी हालत बिगड़ जाती है। आखिर स्वास्थ्य विभाग कब जागेगा?”

बालू घोटाले में अधिकारियों की भूमिका पर हमला

तिवारी ने झारखंड में बालू घोटाले का मुद्दा प्रमुखता से उठाया और कहा कि बालू आपूर्ति में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है।

उन्होंने कहा कि 2019 से पहले बालू टेंडर और ऑक्शन के जरिए उपलब्ध था, लेकिन सरकार ने इसे JSMDC को सौंप दिया, जिससे पूरे सिस्टम में भ्रष्टाचार फैल गया।

“बालू का टेंडर दो साल तक कागजी कार्यवाही में अटका रहा और फिर जब नया टेंडर आया, तो उसमें भी पारदर्शिता की कमी रही।”

उन्होंने कहा कि इस घोटाले में कई IAS और प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत रही है।

ट्रांसपोर्ट और सड़क व्यवस्था पर सवाल

विधायक ने झारखंड में सड़क और ट्रांसपोर्ट सिस्टम की खस्ताहाल स्थिति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में कई सड़कें अब भी जर्जर हालत में हैं और आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं।

“सरकार बार-बार सड़कों के निर्माण का दावा करती है, लेकिन हकीकत यह है कि बारिश में सड़कें बह जाती हैं और लोगों को आवाजाही में दिक्कत होती है।”

‘न्यूज़ देखो’ की रिपोर्ट

गढ़वा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी के इन सवालों ने सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने JPSC से लेकर बालू घोटाले और स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली तक के मुद्दे उठाए, जो सीधे जनता से जुड़े हुए हैं।

अब देखना होगा कि सरकार इन मुद्दों पर क्या कदम उठाती है या फिर जनता को और इंतजार करना पड़ेगा।

अधिक अपडेट के लिए जुड़े रहें ‘न्यूज़ देखो’ से।

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