Latehar

चंदवा में जेएसएलपीएस ने महिलाओं के बीच सरसों बीज का निःशुल्क वितरण किया

Join News देखो WhatsApp Channel
#चंदवा #महिला_सशक्तिकरण : पंचायत भवन परिसर में आयोजित कार्यक्रम में ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से निःशुल्क सरसों बीज वितरण किया गया।
  • झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) की पहल पर कार्यक्रम आयोजित।
  • प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों से आई महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
  • प्रत्येक लाभुक को 1 हेक्टेयर भूमि हेतु 2 किलोग्राम सरसों बीज दिया गया।
  • अधिकारियों ने बताया कि उद्देश्य है महिलाओं को कृषि के प्रति आत्मनिर्भर बनाना।
  • खेती की उन्नत तकनीक और बीज के उपयोग की जानकारी भी दी गई।
  • महिलाओं ने इस योजना को ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्तिकरण की दिशा में सराहनीय कदम बताया।

चंदवा (लातेहार): चंदवा प्रखंड के पंचायत भवन परिसर में जेएसएलपीएस (झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी) की ओर से ग्रामीण महिलाओं के बीच सरसों बीज का निःशुल्क वितरण किया गया। इस कार्यक्रम में चंदवा प्रखंड के कई गांवों से आई महिलाओं ने भाग लिया और सरकार की इस पहल का स्वागत किया।

आत्मनिर्भरता की दिशा में ग्रामीण महिलाओं को प्रोत्साहन

कार्यक्रम के दौरान उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि यह योजना राज्य सरकार की महिला सशक्तिकरण एवं आजीविका संवर्द्धन योजना के तहत चलाई जा रही है। हर महिला लाभुक को एक हेक्टेयर भूमि के लिए दो किलोग्राम उच्च गुणवत्ता वाला सरसों बीज उपलब्ध कराया गया है।

अधिकारियों ने कहा: “इस पहल से ग्रामीण महिलाओं की आय में वृद्धि होगी और वे आत्मनिर्भर बनेंगी। सरसों की खेती कम लागत में अधिक लाभ देने वाली फसल है, जो ग्रामीण जीवन में आर्थिक मजबूती ला सकती है।”

कृषि तकनीक पर दिया गया प्रशिक्षण

बीज वितरण के साथ-साथ महिलाओं को खेती की उन्नत तकनीकों और फसल संरक्षण के उपायों के बारे में भी बताया गया। अधिकारियों ने बीज के सही उपयोग, समय पर बुआई, खाद और सिंचाई के महत्व पर जोर दिया।

प्रशिक्षण के दौरान कहा गया: “सरसों की फसल के लिए उचित मिट्टी चयन और संतुलित खाद का उपयोग आवश्यक है। महिलाएं इन तकनीकों को अपनाकर अपनी पैदावार को दोगुना कर सकती हैं।”

महिलाओं ने जताई खुशी

कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं ने इस योजना की सराहना की और कहा कि इस तरह की सरकारी पहलें उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करती हैं।

एक लाभुक महिला ने कहा: “पहले बीज खरीदना मुश्किल होता था, अब सरकार की ओर से यह सहायता मिल रही है जिससे खेती आसान हो गई है।”

स्थानीय अर्थव्यवस्था में सकारात्मक प्रभाव

इस कार्यक्रम के माध्यम से न केवल महिलाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा। कृषि आधारित आजीविका मॉडल ग्रामीण क्षेत्रों में सतत विकास (Sustainable Development) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

न्यूज़ देखो: आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत की ओर

जेएसएलपीएस का यह कदम बताता है कि अगर योजनाओं को जमीनी स्तर पर सही तरीके से लागू किया जाए तो ग्रामीण महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो सकती हैं। कृषि आधारित आजीविका को बढ़ावा देने से न केवल परिवार बल्कि पूरा समुदाय आत्मनिर्भर बन सकता है।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

महिलाएं बनें आत्मनिर्भरता की मिसाल

जब महिलाएं खेत में बीज बोती हैं, तो वे सिर्फ फसल नहीं उगातीं — वे भविष्य के आत्मनिर्भर समाज की नींव रखती हैं। चंदवा की यह पहल बताती है कि सही अवसर मिलने पर ग्रामीण महिलाएं भी बदलाव की वाहक बन सकती हैं।

आइए, ऐसी सकारात्मक पहलों को आगे बढ़ाएं
इस खबर को साझा करें, अपनी राय कमेंट करें और ग्रामीण विकास में महिलाओं की भूमिका पर चर्चा शुरू करें।

📥 Download E-Paper

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250925-WA0154
IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20250723-WA0070
IMG-20251017-WA0018
1000264265
IMG-20250610-WA0011

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Ravikant Kumar Thakur

चंदवा, लातेहार

Related News

ये खबर आपको कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया दें

Back to top button
error: