रांची: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की CGL परीक्षा-2023 के कथित पेपर लीक मामले में SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। SIT ने अपनी रिपोर्ट में परीक्षा एजेंसी सतवत इंफोसोल प्राइवेट लिमिटेड और JSSC की गंभीर लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। यह परीक्षा 28 जनवरी 2024 को आयोजित की गई थी।
SIT रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु
- सुरक्षा चूक:
- छापाखाने से लेकर रांची ट्रेजरी तक पेपर ले जाने और रखने के दौरान सुरक्षा में बड़ी खामियां पाई गईं।
- ट्रेजरी में पेपर रखते समय कर्मचारियों और मजदूरों के पास मोबाइल फोन मौजूद थे।
- जहां पेपर रखे गए, वहां सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे थे।
- पेपर सेटिंग में नियमों का उल्लंघन:
- परीक्षा एजेंसी के क्लाइंट रिलेशनशिप मैनेजर तन्मय कुमार दास ने पेपर तैयार कराने का काम संभाला।
- रांची वीमेंस कॉलेज की सहायक प्रोफेसर सबिता कुमारी मुंडा ने पंचपरगनिया भाषा का पेपर सेट किया।
- उनके पति एंथोनी मुंडा, जो खुद इस परीक्षा में अभ्यर्थी थे, ने पेपर तैयार करने में उनकी मदद की। इस तथ्य को परीक्षा एजेंसी और आयोग से छिपाया गया।
- नागपुरी भाषा का पेपर खूंटी के बिरसा कॉलेज की सहायक प्रोफेसर अंजुलता ने तैयार किया। पेपर सेट करते समय न तो लिफाफे पर कोई सील थी और न ही हस्ताक्षर।
- पेपर लीक और प्रूफ का अभाव:
- SIT ने पेपर छपाई के सीसीटीवी फुटेज मांगे, लेकिन परीक्षा एजेंसी ने बताया कि DVR में केवल 15 दिनों का वीडियो स्टोर होता है और पुराने फुटेज उपलब्ध नहीं हैं।
- पेपर तैयार करने और भंडारण में कई स्तरों पर लापरवाही सामने आई।
SIT की जांच के निष्कर्ष
SIT की रिपोर्ट ने इस बात की पुष्टि की है कि पेपर लीक में परीक्षा एजेंसी, शिक्षकों और JSSC के अधिकारियों की बड़ी भूमिका रही। यह मामला न केवल परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रिया की गंभीर खामियों को भी उजागर करता है।
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