झारखंड हाईकोर्ट ने JSSC-CGL परीक्षा के परिणाम पर रोक लगाते हुए छात्रों के हित में एक बड़ा कदम उठाया है। यह निर्णय न केवल छात्रों के संघर्ष की जीत को दर्शाता है, बल्कि इसे हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ एक बड़ा झटका भी माना जा रहा है।
भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी का बयान
भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे सरकार के अहंकार की हार बताया। उन्होंने कहा:
- छात्रों के आंदोलन का समर्थन:
बाबूलाल मरांडी ने सभी छात्रों और भाजपा कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने लोकतांत्रिक तरीके से परीक्षा की अनियमितताओं के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। - पेपर लीक प्रकरण:
उन्होंने JSSC-CGL पेपर लीक प्रकरण में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, सत्ताधारी नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों और आयोग की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए पारदर्शिता की मांग की। - CBI जांच की मांग:
बाबूलाल मरांडी ने उच्च न्यायालय से अपील की कि पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने के लिए मामले को सीबीआई के हवाले किया जाए। उन्होंने उम्मीद जताई कि अदालत छात्रों को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
पृष्ठभूमि
JSSC-CGL परीक्षा को लेकर छात्रों ने पेपर लीक और गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया था। इस प्रकरण ने राज्य सरकार और आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
छात्रों की मांगें और भविष्य की उम्मीदें
छात्र चाहते हैं कि जांच निष्पक्ष हो और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए। हाईकोर्ट द्वारा दिए गए इस फैसले ने छात्रों के आंदोलन को नई उम्मीद दी है।
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