
#सिनेमा #टीवी : ‘महाभारत’ में कर्ण के रूप में अमर अभिनेता पंकज धीर अब हमारे बीच नहीं हैं, लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे।
- टीवी और फिल्म जगत के दिग्गज अभिनेता पंकज धीर का निधन, उम्र 68 वर्ष।
- उन्होंने टीवी पर बीआर चोपड़ा की महाभारत में सूर्य पुत्र कर्ण की भूमिका निभाई।
- पंकज धीर ने साल 1983 में ‘बॉम्बे फैंटेसी’ नामक पहली भारतीय एडल्ट फिल्म का निर्देशन भी किया।
- उनका अभिनय केवल हिंदी में ही नहीं, बल्कि मराठी फिल्म और थिएटर में भी प्रभावशाली रहा।
- करियर में उन्होंने 25 से अधिक फिल्मों में अपने अभिनय की छाप छोड़ी।
दिवाली से ठीक पहले फिल्म और टीवी जगत को एक बड़ा सदमा लगा है। टीवी और सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता पंकज धीर का निधन हो गया है। वे लंबे समय से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। पंकज धीर की पहचान टीवी पर बीआर चोपड़ा की महाभारत में सूर्य पुत्र कर्ण के किरदार के माध्यम से घर-घर में हो गई थी। उनकी भूमिका ने लाखों दर्शकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी।
करियर और योगदान
पंकज धीर ने केवल टीवी में ही नहीं, बल्कि फिल्म और थिएटर में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। उन्होंने हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया और अपने अभिनय के माध्यम से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
‘बॉम्बे फैंटेसी’ और निर्देशन
उनकी एक अनोखी उपलब्धि यह भी रही कि उन्होंने साल 1983 में रिलीज हुई भारतीय एडल्ट फिल्म ‘बॉम्बे फैंटेसी’ का निर्देशन किया। यह फिल्म उनके करियर की एक अलग दिशा को दर्शाती है। इसके अलावा उन्होंने 25 से अधिक फिल्मों में अपने अभिनय की छाप छोड़ी, चाहे वह छोटे किरदार हों या प्रमुख भूमिकाएं।
थिएटर और मराठी फिल्मों में योगदान
पंकज धीर ने मराठी फिल्मों और थिएटर में भी काम किया। उनके अभिनय की शैली और गहराई ने थिएटर प्रेमियों के बीच उन्हें खास जगह दिलाई। उन्होंने अपने अभिनय में हर किरदार में जान फूंकने का काम किया, जिससे दर्शक हर बार प्रभावित हुए।
न्यूज़ देखो: पंकज धीर का निधन सिनेमा और टीवी जगत के लिए बड़ा क्षति संदेश
पंकज धीर की मौत दर्शाती है कि भारतीय टीवी और सिनेमा की दुनिया में ऐसे कलाकारों की कमी हमेशा खलेगी। उनकी मेहनत और प्रतिभा को सिनेमा और टीवी जगत हमेशा याद रखेगा। युवा कलाकारों के लिए उनके करियर से सीखने के कई अवसर हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
प्रतिभा का सम्मान और सीख
हमारे आसपास ऐसे कलाकार हैं, जिन्होंने समाज और मनोरंजन में अमिट योगदान दिया। उनकी उपलब्धियों को याद रखें और युवा पीढ़ी में कला और सिनेमा के प्रति जागरूकता फैलाएं। इस खबर को शेयर करें, अपनी राय कमेंट में दें और पंकज धीर के योगदान को यादगार बनाएं।