Garhwa

“कॉफी विद एसडीएम” कार्यक्रम में गूंजा जनप्रतिनिधियों का दर्द, पेयजल संकट से लेकर अफसरशाही तक रखी गईं बेबाक बातें

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#गढ़वा #कॉफीविदएसडीएम – एसडीएम संजय कुमार के संवाद कार्यक्रम में पंचायत प्रतिनिधियों ने खोले प्रशासनिक समन्वय के कई परत

  • राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की पूर्व संध्या पर हुआ संवाद कार्यक्रम
  • जनप्रतिनिधियों ने पेयजल संकट, कर्मचारियों की अनुपस्थिति, और प्रशासनिक लापरवाही के मुद्दे रखे
  • मझिआंव की प्रमुख ने बीडीओ-सीओ पर उपेक्षापूर्ण रवैये का लगाया आरोप
  • एसडीएम संजय कुमार ने जल मीनारों की जांच और कार्रवाई का दिया भरोसा
  • राजस्व कार्यों की धीमी प्रक्रिया और सामाजिक कुरीतियों पर भी हुआ खुलकर मंथन
  • प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम की संवेदनशीलता और संवाद शैली को बताया सराहनीय

संवाद की नई पहल : प्रशासन और पंचायत आमने-सामने

गढ़वा अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की पूर्व संध्या पर “कॉफी विद एसडीएम” कार्यक्रम का आयोजन किया। यह संवाद कार्यक्रम पूरी तरह अनौपचारिक था, जहां गढ़वा सदर, मझिआंव, डंडा, मेराल जैसे प्रखंडों के प्रमुख, उपप्रमुख, मुखिया और बीडीसी सदस्य शामिल हुए।

प्रतिनिधियों से उनके क्षेत्रीय मुद्दों और अनुभवों को सुनने के लिए एसडीएम ने संवाद की खुली छूट दी। उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत में ही स्पष्ट कर दिया कि यह मंच एक-दूसरे को समझने और बेहतर समन्वय बनाने के लिए है।

मझिआंव प्रमुख का आरोप : अधिकारी नहीं देते जनप्रतिनिधियों को सम्मान

मझिआंव प्रखंड की प्रमुख आरती दुबे ने संवाद के दौरान खुलकर कहा:

“मझिआंव प्रखंड के अधिकारी जनप्रतिनिधियों को सम्मान नहीं देते। बीडीओ और सीओ की कार्यशैली बेहद स्वेच्छाचारी है।” — आरती दुबे

इस पर एसडीएम संजय कुमार ने जांच और वरीय अधिकारियों को सूचित करने का आश्वासन दिया।

जल संकट की मार : जल मीनारें बेकार, डीप बोरिंग बंद

कई पंचायतों के प्रतिनिधियों ने बताया कि गर्मी शुरू होते ही हैंडपंप खराब, जल मीनारें निष्क्रिय और डीप बोरिंग बेकार हो जाते हैं। मधेया पंचायत के मुखिया बसंत चौबे ने खजूरी गांव की दो जल मीनारों की शिकायत की, जिनसे एक बूंद पानी नहीं आता।

अचला पंचायत के मुखिया मुखराम भारती ने डुमरो और नारायणपुर में भयंकर जल संकट की बात उठाई, जहां आठ डीप बोरिंग हैं लेकिन सभी बेकाम पड़े हैं। इस पर एसडीएम ने खुद मौके पर जाकर जांच करने की बात कही।

डंडा में प्रमुख नदारद, समिति की बैठकें ठप

डंडा प्रखंड के उप प्रमुख नंदू चौधरी ने बताया कि तीन साल में केवल एक बार पंचायत समिति की बैठक हुई है। बीडीओ और प्रखंड प्रमुख कार्यालय नहीं आते।

“इस स्थिति से प्रशासनिक कार्य भी बाधित हो रहे हैं और विकास योजनाएं अधर में लटकी हैं।” — शाइना खातून

एसडीएम ने इसे गंभीर मानते हुए कार्रवाई का भरोसा दिलाया।

राजस्व से जुड़ी फाइलों की रफ्तार धीमी, सुधार की मांग

गढ़वा प्रखंड के कार्यकारी प्रमुख फैजुल अंसारी ने बताया कि दाखिल-खारिज, लगान निर्धारण और ऑनलाइन प्रविष्टि जैसे मामलों में काफी देरी हो रही है। इस पर एसडीएम ने जल्द ही अंचल कार्यालय निरीक्षण करने का भरोसा दिया।

अंधविश्वास और नशाखोरी के खिलाफ जनप्रतिनिधियों की आवाज़

कोरवाडीह पंचायत के मुखिया शरीफ अंसारी ने अंधविश्वास और नशाखोरी जैसी सामाजिक कुरीतियों को मिटाने में जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर बल दिया, जिस पर एसडीएम ने सभी से स्थानीय विधि व्यवस्था बनाए रखने की अपील की।

न्यूज़ देखो : पंचायत संवाद की हर परत पर पैनी नजर

“न्यूज़ देखो” टीम की कोशिश है कि प्रशासनिक संवाद, स्थानीय समस्याएं और जनप्रतिनिधियों के अनुभव सीधे जनता तक पहुंचे। हम ऐसे संवाद कार्यक्रमों की रिपोर्टिंग को गंभीरता से लेते हैं ताकि नीतियों और योजनाओं की जमीनी हकीकत सामने आ सके।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

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