“कॉफी विद एसडीएम” में पंचायती राज प्रतिनिधियों को मिला न्योता, 23 अप्रैल को होगा संवाद

#गढ़वा #कॉफी_विद_एसडीएम : पंचायती राज दिवस की पूर्व संध्या पर जनप्रतिनिधियों से संवाद, एसडीएम ने दिए सशक्तिकरण के संकेत

पंचायती राज प्रतिनिधियों के लिए विशेष संवाद

गढ़वा अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने अपने साप्ताहिक संवाद कार्यक्रम “कॉफी विद एसडीएम” में इस बार पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया है।
यह विशेष आयोजन 23 अप्रैल, बुधवार को पूर्वाह्न 11:00 बजे सदर अनुमंडल कार्यालय में आयोजित किया जाएगा।

एसडीएम संजय कुमार ने बताया कि 24 अप्रैल को पूरे देश में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है। इस महत्वपूर्ण अवसर को ध्यान में रखते हुए इस सप्ताह ‘कॉफी विद एसडीएम’ में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के सभी प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जा रहा है।

संवाद से जुड़े रहेंगे विकास और सुझाव

एसडीएम ने स्पष्ट किया कि यह संवाद पूर्णतः अनौपचारिक होगा, जिसमें जनप्रतिनिधियों से उनके क्षेत्र की समस्याओं, योजनाओं की स्थिति और प्रशासनिक सहयोग की जरूरतों पर चर्चा की जाएगी।

“गढ़वा की समृद्धि के लिए समन्वित प्रयास जरूरी हैं। पंचायती राज संस्थाएं विकास के आधार स्तंभ हैं। उनके साथ स्वस्थ संवाद से हम बेहतर नतीजों की ओर बढ़ सकते हैं,”
कहा संजय कुमार, एसडीएम गढ़वा ने।

इस कार्यक्रम में जिला परिषद सदस्य, प्रखंड प्रमुख, उपप्रमुख, मुखिया, बीडीसी सदस्य आदि आमंत्रित रहेंगे।
प्रतिनिधि अपनी भागीदारी से गढ़वा के विकास और पंचायत व्यवस्था को सशक्त करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगे।

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की पूर्व संध्या पर विशेष चर्चा

23 अप्रैल की तिथि इस कार्यक्रम के लिए विशेष रूप से चुनी गई है, क्योंकि यह राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की पूर्व संध्या है।
एसडीएम ने कहा कि इस अवसर पर यह भी चर्चा की जाएगी कि गढ़वा में पंचायती व्यवस्था को कैसे और अधिक प्रभावी एवं सशक्त बनाया जा सकता है।

प्रतिनिधियों से सकारात्मक सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे, जिन्हें प्रशासनिक नीति निर्धारण में प्राथमिकता दी जा सकती है।

न्यूज़ देखो : संवाद से समाधान की दिशा में एक और कदम

न्यूज़ देखो मानता है कि स्थानीय प्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच बेहतर संवाद से ही जमीनी स्तर पर बदलाव संभव है।
इस तरह की पहलें लोकतंत्र को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास हैं। जुड़े रहिए, सोचिए, बोलिए – क्योंकि आपकी बात भी मायने रखती है।

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