
#Garhwa #Kandi_Block #अकड़हवा_टोला | परिवार में नहीं है कोई सहारा, मुखिया ने की मदद
- 75 वर्षीय बुजुर्ग रामकेश्वर प्रजापति का गुरुवार को हुआ निधन
- जंगल से लकड़ी लाते वक्त लगी थी गंभीर चोट
- कोई पुत्र नहीं, पीछे छोड़ीं चार बेटियां और मूक-बधिर भाई
- पंचायत ने अंतिम संस्कार में दिया आर्थिक सहयोग
- मुखिया रीता देवी ने की समाज से सहयोग की अपील
लकड़ी लाने गए थे जंगल, रास्ते में गिरे
गढ़वा जिला के कांडी प्रखंड अंतर्गत मझिगावां पंचायत के अकड़हवा टोला के निवासी रामकेश्वर प्रजापति (उम्र 75 वर्ष) का गुरुवार की शाम निधन हो गया। परिजनों के अनुसार, शनिवार को वे जंगल से लकड़ी लाने गए थे। इसी दौरान रास्ते में अचानक गिरने से उन्हें गंभीर चोट लग गई।
कई जगह कराया इलाज, नहीं मिली राहत
गंभीर स्थिति में पहले स्थानीय डॉक्टरों से इलाज कराया गया, फिर उन्नत इलाज के लिए अन्य स्थानों पर भी ले जाया गया, लेकिन स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो सका। गुरुवार की शाम उन्होंने अंतिम सांस ली।
कोई बेटा नहीं, चार बेटियां और मूक-बधिर भाई ही परिवार
रामकेश्वर प्रजापति का परिवार अत्यंत गरीब है। उनका कोई पुत्र नहीं था, और चार पुत्रियों को पीछे छोड़ गए हैं। परिवार में अब केवल उनका छोटा भाई बचा है, जो मानसिक रूप से कमजोर और मूक-बधिर है।
“इतना असहाय परिवार देख मन व्यथित हो गया। अंतिम संस्कार के लिए पंचायत की ओर से आर्थिक सहायता दी गई है। समाज के हर संपन्न व्यक्ति को ऐसे वक्त पर आगे आना चाहिए,”
– रीता देवी, मुखिया, मझिगावां पंचायत
पंचायत और जनप्रतिनिधियों ने दी सांत्वना
रामकेश्वर प्रजापति का अंतिम संस्कार सोन नदी के श्रीनगर घाट पर किया गया, जहां मुखाग्नि उनके छोटे भाई ने दी। इस दुखद घड़ी में पंचायत की मुखिया रीता देवी, मुखिया प्रतिनिधि शंभू नाथ साह, और बीडीसी प्रतिनिधि सुनील यादव ने परिजनों से मिलकर सांत्वना व्यक्त की।
न्यूज़ देखो : समाज की संवेदनशीलता ही असली ताकत
इस घटना ने एक बार फिर यह दिखाया कि समाज के कमजोर तबके के लिए हमारी ज़िम्मेदारी क्या है। ‘न्यूज़ देखो’ अपील करता है कि ऐसे असहाय परिवारों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाएं और उनकी हर संभव मदद करें। जब समाज साथ खड़ा होता है, तभी सच्चा विकास होता है।