
#गढ़वा #कांडी — बिना बिजली के बैंक संचालन, सोलर पैनल के भरोसे चल रहा है काम
- बैंक में पिछले 10 वर्षों से नहीं है बिजली कनेक्शन
- भीषण गर्मी में बिना पंखे के हो रही बैंकिंग सेवाएं
- बुजुर्ग और महिलाएं गर्मी में हो रहे बेहाल
- सोलर पैनल के भरोसे चल रहे बैंक के कामकाज
- शाखा प्रबंधक ने रीजनल ऑफिस को भेजी है शिकायत
बैंक में बिजली नहीं, गर्मी में ग्राहक परेशान
गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड मुख्यालय स्थित वनांचल ग्रामीण बैंक शाखा इन दिनों बिजली संकट से जूझ रही है। बीते 10 वर्षों से बैंक परिसर में बिजली का कनेक्शन नहीं है, जिससे न सिर्फ बैंक कर्मियों को दिक्कत हो रही है, बल्कि ग्राहक भी बुरी तरह परेशान हैं।
बैंक में हर दिन सैकड़ों ग्राहक अपने खाते संबंधी कार्यों के लिए पहुंचते हैं। लेकिन बिजली के अभाव में पंखे तक नहीं चल पाते, जिससे भीषण गर्मी में लोग घुटन और बेचैनी महसूस करते हैं।
बुजुर्गों और बच्चों को हो रही सबसे ज्यादा परेशानी
भीड़भाड़ वाले बैंक परिसर में युवा और स्वस्थ लोग तो किसी तरह गर्मी सह लेते हैं, लेकिन बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे अक्सर गर्मी से बेहाल हो जाते हैं। पसीना, उमस और बंद वातावरण मिलकर स्थिति को और भी कष्टदायक बना देते हैं।
शाखा प्रबंधक बोले – बिजली न होना बड़ी समस्या
इस संबंध में वनांचल ग्रामीण बैंक कांडी शाखा के प्रबंधक प्रेम वर्धन ने बताया:
“बैंक परिसर में पिछले 10 वर्षों से बिजली का कनेक्शन नहीं है। बैंक के सारे कार्य सोलर पैनल से किए जाते हैं, पर उसमें इतनी क्षमता नहीं कि पंखे या अन्य उपकरण चल सकें। हमने इस मुद्दे की शिकायत रीजनल ऑफिस को भेज दी है।” — प्रेम वर्धन, शाखा प्रबंधक
उन्होंने आगे कहा:
“हम तो जैसे-तैसे गर्मी झेल लेते हैं, लेकिन हमारे ग्राहकों को जो कठिनाई होती है, वह बेहद सोचनीय और पीड़ादायक है।”
कब मिलेगा समाधान?
अब सवाल उठता है कि क्या ग्रामीण क्षेत्र की बैंकिंग सुविधाएं इसी तरह उपेक्षा का शिकार रहेंगी? कांडी जैसी बैंक शाखा, जहां सैकड़ों खाताधारक प्रतिदिन पहुंचते हैं, वहां बिजली जैसी मूलभूत सुविधा का अभाव न केवल सरकारी उदासीनता दर्शाता है, बल्कि आम जनता के साथ अन्याय भी है।
न्यूज़ देखो : आपकी आवाज़, आपकी चिंता
न्यूज़ देखो ऐसे मुद्दों को उजागर करता है जो गांव-गांव की हकीकत को सामने लाते हैं। बैंक जैसी जरूरी सुविधा अगर बिजली के अभाव में मुश्किल में है, तो इसे शासन-प्रशासन को तुरंत संज्ञान में लेना चाहिए। गढ़वा जिले के वासियों को अब यह सवाल उठाना ही होगा कि आखिर कब तक बैंक बिना बिजली के चलेगी?