
#सिमडेगा #कबीर_पंथ : दीपावली के अवसर पर कबीर पंथियों का कुरडेग प्रखंड में मरीजों के लिए निःशुल्क सेवा कार्य
- कबीर पंथ और सदगुरु कबीर धर्मदास बंशावली मिशन झारखंड प्रदेश के निर्देशानुसार दीपावली पर सेवा कार्यक्रम आयोजित किया गया।
- जुलूस माईकल किंडो स्टेडियम से शुरू होकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कुरडेग तक निकाला गया, जिसमें लोग साहेब बन्दगी के नारे लगा रहे थे।
- कार्यक्रम में कंबल और ताजे फल ईलाजरत मरीजों के बीच निःशुल्क वितरित किए गए।
- मौके पर जिला परोपकारी प्रतिनिधि मुरलीधर राम, जिला महिला प्रतिनिधि अजरमती देवी, जिला उप महिला प्रतिनिधि मधुस्मिता देवी, जिला युवा प्रतिनिधि रविन्द्र दास सहित प्रखंड और अन्य प्रतिनिधि मौजूद रहे।
- कबीर पंथ के 16वें बंशाचार्य परमपूज्य उदित मुनि नाम साहेब के निर्देशानुसार मानव सेवा, ज्ञान और भक्ति का जागरण बढ़ाने के लिए यह पहल की गई।
दीपावली के पावन अवसर पर कुरडेग प्रखंड में कबीर पंथियों ने मानव सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। जुलूस का मार्ग माईकल किंडो स्टेडियम से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक तय किया गया और वहां उपस्थित मरीजों को निःशुल्क कंबल और फल प्रदान किए गए। जुलूस में उपस्थित लोगों ने साहेब बन्दगी के नारे लगाकर कार्यक्रम में धार्मिक और सामाजिक ऊर्जा का संचार किया।
सेवा कार्य और सामाजिक संदेश
कार्यक्रम के दौरान जिला परोपकारी प्रतिनिधि मुरलीधर राम ने बताया:
“कबीर पंथ के 16वें बंशाचार्य परमपूज्य उदित मुनि नाम साहेब ने मानव सेवा, ज्ञान और भक्ति के लिए समस्त कबीर पंथियों को प्रेरित किया है। इस पहल का उद्देश्य समाज में जागरूकता फैलाना और जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचाना है।”
कार्यक्रम में जिला महिला प्रतिनिधि अजरमती देवी, जिला उप महिला प्रतिनिधि मधुस्मिता देवी, जिला युवा प्रतिनिधि रविन्द्र दास, प्रखंड प्रतिनिधि अशोक साय, महिला प्रखंड प्रतिनिधि करुणा देवी, प्रखंड युवा प्रतिनिधि शिवचरण दास, प्रखंड परोपकारी प्रतिनिधि समर साय और प्रखंड सलाहकार राजकुमार दास के साथ अन्य कबीर पंथियों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद मरीजों और उनके परिजनों ने इस सेवा कार्य की सराहना की और कहा कि इस तरह के सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों से समाज में एकता, भक्ति और मानव सेवा की भावना को बल मिलता है।

न्यूज़ देखो: कबीर पंथियों की दीपावली सेवा ने बढ़ाया समाज में सहानुभूति और सामाजिक जिम्मेदारी
इस पहल से स्पष्ट हुआ कि धार्मिक आस्था के साथ-साथ मानव सेवा भी समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा है। कबीर पंथियों का यह कार्यक्रम न केवल मरीजों के लिए राहत का साधन बना बल्कि समाज में सेवा और करुणा का संदेश भी फैलाया।
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समाज में सेवा और करुणा का संदेश
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