
#सिमडेगा #पर्यटन_महोत्सव : कैलाश धाम परिसर में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की गूंज, उपायुक्त ने की पूजा-अर्चना
- सिमडेगा जिले के ठेठईटांगर प्रखंड के कर्रामुंडा स्थित कैलाश धाम में हुआ पर्यटन महोत्सव का भव्य आयोजन।
- उपायुक्त श्रीमती कंचन सिंह मुख्य अतिथि के रूप में हुईं शामिल, कहा – “कैलाश धाम सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है।”
- कार्यक्रम में श्रद्धालुओं ने धार्मिक और सांस्कृतिक वातावरण का अनुभव किया।
- पर्यटन विकास से जिले में रोजगार और पहचान बढ़ाने पर दिया जोर।
- उपायुक्त ने एकलव्य आवासीय विद्यालय कर्रामुंडा का निरीक्षण कर निर्माण गुणवत्ता की समीक्षा की।
सिमडेगा जिले के ठेठईटांगर प्रखंड अंतर्गत कर्रामुंडा स्थित कैलाश धाम परिसर में शनिवार को पर्यटन महोत्सव का भव्य आयोजन हुआ। इस अवसर पर जिले के विभिन्न इलाकों से पहुंचे श्रद्धालुओं और ग्रामीणों ने धार्मिक उत्साह और सांस्कृतिक उमंग के साथ आयोजन में भाग लिया।
श्रद्धा और सौहार्द का प्रतीक बना कैलाश धाम
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित उपायुक्त सिमडेगा श्रीमती कंचन सिंह ने कैलाश धाम गुफा में भगवान की प्रतिमा पर पूजा-अर्चना की और पर्यटन स्थल की प्राकृतिक सुंदरता की सराहना की। उन्होंने कहा कि कैलाश धाम केवल धार्मिक स्थल नहीं बल्कि सामाजिक सौहार्द और एकता का प्रतीक है।
उपायुक्त कंचन सिंह ने कहा: “कैलाश धाम वह स्थल है जहाँ हर धर्म और संप्रदाय के लोग एक साथ आकर ईश्वर की आराधना करते हैं। यही हमारी संस्कृति की सच्ची पहचान और सिमडेगा जिले की असली खूबसूरती है।”
पर्यटन विकास से बढ़ेगा रोजगार
उपायुक्त ने अपने संबोधन में कहा कि सिमडेगा जिले में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएँ हैं। उन्होंने कहा कि यदि पर्यटन स्थलों का संरक्षण और प्रचार-प्रसार बढ़ाया जाए, तो जिले की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर बनेगी और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार एवं आर्थिक सशक्तिकरण के अवसर बढ़ेंगे।
उन्होंने इस आयोजन के लिए कर्रामुंडा पर्यटन क्लब के सदस्यों को बधाई दी और क्षेत्र के समग्र विकास के लिए प्रशासनिक स्तर पर हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
उपायुक्त ने कहा: “कैलाश धाम जैसे स्थानों का विकास न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा बल्कि स्थानीय युवाओं को भी आत्मनिर्भर बनाएगा।”
विद्यालय निरीक्षण में गुणवत्ता पर जोर
कार्यक्रम के उपरांत उपायुक्त श्रीमती कंचन सिंह ने एकलव्य आवासीय विद्यालय कर्रामुंडा का भी निरीक्षण किया। उन्होंने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की समीक्षा की और संवेदक को निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया। साथ ही विद्यालय परिसर के समतलीकरण और सौंदर्यीकरण का आदेश भी दिया ताकि विद्यार्थियों को बेहतर वातावरण मिल सके।
प्रशासन और जनता की संयुक्त भागीदारी
महोत्सव के दौरान प्रखंड विकास पदाधिकारी ठेठईटांगर एवं बोलबा, अंचलाधिकारी ठेठईटांगर, कोरोमिया मुखिया, कैलाश धाम के पुजारी, तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण और पदाधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने उपायुक्त महोदया की पहल की सराहना की और कहा कि ऐसे आयोजनों से स्थानीय संस्कृति और धार्मिक पर्यटन को नई दिशा मिलेगी।

न्यूज़ देखो: संस्कृति और विकास का संतुलन
कैलाश धाम पर्यटन महोत्सव ने यह साबित किया कि जब प्रशासन, जनता और परंपरा साथ आते हैं, तो विकास केवल योजनाओं तक सीमित नहीं रहता — वह जनभावनाओं का उत्सव बन जाता है। सिमडेगा प्रशासन का यह प्रयास जिले की संस्कृति, आस्था और अर्थव्यवस्था — तीनों को एक सूत्र में पिरोने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
पर्यटन से विकास की नई राह
कैलाश धाम में उमड़ी श्रद्धा और प्रशासनिक सक्रियता ने यह दिखाया कि सिमडेगा अब पर्यटन मानचित्र पर अपनी जगह बना रहा है। अब जरूरत है कि हम सब इस सांस्कृतिक धरोहर को सहेजें, स्वच्छ रखें और इसका प्रचार करें ताकि यह स्थल आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा बन सके।
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