कालबैशाखी के कारण वज्रपात का खतरा बढ़ा: BSDMA ने जारी की चेतावनी, दोपहर के समय सतर्क रहने की सलाह

#पटना #वज्रपात_चेतावनी — दोपहर 3 से 5 बजे के बीच वज्रपात की घटनाएं सबसे ज्यादा, खेतों में काम कर रहे किसानों के लिए खतरे की घड़ी

जान का खतरा बन सकता है वज्रपात, BSDMA की चेतावनी

बिहार में अप्रैल के दूसरे सप्ताह से ही मौसम में अस्थिरता देखने को मिल रही है। कालबैशाखी के साथ तेज हवाएं, बारिश और वज्रपात (ठनका) की घटनाएं लगातार हो रही हैं। ऐसे में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (BSDMA) ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।

दोपहर के समय सबसे अधिक खतरा, किसानों को विशेष चेतावनी

BSDMA के उपाध्यक्ष डॉ. उदय कांत ने स्पष्ट किया कि:

“दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे के बीच वज्रपात की घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं। इस दौरान खेतों में कार्यरत किसानों, पशुपालकों और खुले स्थानों पर रहने वालों को विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए।”

उन्होंने बताया कि गांवों और दूरदराज इलाकों में लोगों को जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि प्राकृतिक आपदा से होने वाली मौतों को रोका जा सके।

BSDMA की तरफ से वज्रपात से बचाव के लिए जारी किए गए उपाय

खेत या खुले स्थानों में रहें तो इन बातों का पालन करें:

ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान जरूरी

संचार और सतर्कता से बच सकती हैं अनमोल जानें

प्रशासनिक स्तर पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वे शिक्षकों, पंचायत प्रतिनिधियों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से गांव-गांव में जानकारी पहुँचाएं।

सरकार के विभिन्न माध्यमों से SMS, रेडियो, माइकिंग और सोशल मीडिया के जरिए चेतावनी पहुंचाई जा रही है, पर स्थानीय स्तर पर सहयोग अत्यंत जरूरी है।

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