
#चीनिया #स्थापना_महोत्सव : झारखंड की 25वीं वर्षगांठ पर जल संरक्षण और पर्यावरण जागरूकता के संदेश के साथ हुआ सांस्कृतिक व वृक्षारोपण कार्यक्रम।
- झारखंड स्थापना की रजत जयंती पर चीनिया प्रखंड में हुआ भव्य आयोजन।
- जलछाजन परियोजना के तहत जल संरक्षण को समर्पित विभिन्न कार्यक्रम हुए।
- महिलाओं की कलश यात्रा से पूरे क्षेत्र में “जल ही जीवन है” का संदेश फैला।
- वृक्षारोपण अभियान में सैकड़ों फलदार और छायादार पौधों का रोपण हुआ।
- रंगोली प्रतियोगिता में स्थानीय महिलाओं ने संस्कृति और जल विषय पर कला दिखाई।
- उपस्थित ग्रामीणों ने जल संरक्षण की शपथ लेकर सतत विकास का संकल्प लिया।
गढ़वा जिले के चीनिया प्रखंड में झारखंड स्थापना दिवस के रजत जयंती महोत्सव का आयोजन ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत संचालित जलछाजन परियोजना के तहत किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य राज्य की 25वीं वर्षगांठ को पर्यावरण संरक्षण और जल संसाधन जागरूकता से जोड़ना था।
कलश यात्रा से फैला जल संरक्षण का संदेश
कार्यक्रम की शुरुआत जल निकायों पर आयोजित कलश यात्रा से हुई। ग्रामीण महिलाओं, स्वयंसेवी संस्थाओं और वन विभाग के कर्मचारियों ने पारंपरिक परिधान में भाग लेते हुए पूरे क्षेत्र में “जल ही जीवन है” का संदेश फैलाया। यह यात्रा जन-जागरूकता और सामुदायिक एकता का प्रतीक बनी, जिसने स्थानीय लोगों में जल संरक्षण के प्रति नई सोच जगाई।
वृक्षारोपण और पर्यावरण सुरक्षा का संकल्प
कलश यात्रा के बाद वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें सैकड़ों फलदार और छायादार पौधे लगाए गए। अधिकारियों ने बताया कि यह पहल न केवल पर्यावरण की रक्षा में सहायक होगी, बल्कि मृदा और जल संरक्षण को भी सशक्त बनाएगी। स्थानीय ग्रामीणों और बच्चों ने उत्साहपूर्वक पौधारोपण में भाग लिया और झारखंड को हरा-भरा बनाने का संकल्प लिया।
एक अधिकारी ने कहा: “वृक्षारोपण केवल एक कार्य नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ पर्यावरण की नींव है।”
रंगोली प्रतियोगिता में झलकी झारखंडी संस्कृति
कार्यक्रम के सांस्कृतिक चरण में रंगोली प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें स्थानीय महिलाओं ने जल संरक्षण और झारखंड की लोकसंस्कृति से जुड़े विषयों पर अपनी रचनात्मकता प्रदर्शित की। रंग-बिरंगी आकृतियों में राज्य की परंपरा और पर्यावरण प्रेम का सुंदर संगम दिखाई दिया। विजेताओं को प्रशस्ति पत्र और प्रोत्साहन पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

जल, जंगल और जमीन की रक्षा का संकल्प
कार्यक्रम में वक्ताओं ने झारखंड की विकास यात्रा, जनजातीय परंपराओं और प्राकृतिक संपदा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि झारखंड की असली ताकत उसके जल, जंगल और जमीन में है, जिन्हें संरक्षित रखना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रखंड विकास पदाधिकारी सुबोध कुमार, वन विभाग के अधिकारी, जिला तकनीकी विशेषज्ञ WCDC प्रमोद सेठ, राज्य नोडल पदाधिकारी भानु कुमार शर्मा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे। सभी ने सामूहिक रूप से जल संरक्षण की शपथ ली और सतत विकास का वचन दिया।



न्यूज़ देखो: झारखंडी गौरव और पर्यावरण चेतना का संगम
चीनिया प्रखंड में आयोजित यह आयोजन केवल उत्सव नहीं, बल्कि जल और जीवन के रिश्ते को समझने का संदेश था। जलछाजन विभाग और वन प्रमंडल की यह पहल झारखंड को हरित, समृद्ध और सतत विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाने की प्रेरणा देती है।
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प्रकृति की रक्षा, भविष्य की गारंटी
झारखंड स्थापना दिवस का यह आयोजन हमें याद दिलाता है कि जल और पर्यावरण की रक्षा हर नागरिक का कर्तव्य है। चीनिया की यह पहल पूरे राज्य के लिए एक उदाहरण है — जब समाज और प्रशासन मिलकर संकल्प लेते हैं, तो विकास और प्रकृति दोनों साथ चलते हैं। आइए हम भी इस प्रयास में अपना योगदान दें — अपनी राय कमेंट करें, और इस प्रेरक खबर को साझा करें ताकि हर घर में पर्यावरण जागरूकता फैले।





