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गुमला में कार्तिक उरांव महाविद्यालय छात्रावास में करम पूजा महोत्सव उल्लासपूर्ण माहौल में संपन्न

#गुमला #करमपर्व : छात्र-छात्राओं और पूर्व छात्रों की मौजूदगी में परंपरा और संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिला

गुमला जिले में कार्तिक उरांव महाविद्यालय मुख्य छात्रावास का परिसर बुधवार को पूरी तरह करम पूजा के रंग में रंगा नजर आया। भादो एकादशी के पावन अवसर पर आयोजित इस धार्मिक और सांस्कृतिक महोत्सव में छात्र-छात्राओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में पूर्व छात्र भी शामिल हुए। पूजा के दौरान पूरे वातावरण में आस्था और उल्लास का माहौल छा गया।

करम वृक्ष की पूजा और सामूहिक प्रार्थना

पूजा का नेतृत्व छात्रा प्रमुख तरुण उरांव ने किया। उन्होंने मंत्रोच्चारण और परंपरागत विधियों के साथ करम वृक्ष की स्थापना और पूजा-अर्चना कराई। उपस्थित सभी लोगों ने करम देवता से परिवार, समाज और राष्ट्र की सुख-समृद्धि की कामना की।

पूर्व छात्रों की विशेष मौजूदगी

इस अवसर पर छात्रावास के पूर्व छात्र भी बड़ी संख्या में उपस्थित हुए। इनमें प्रमुख रूप से अमित रंजन लकड़ा के जवान सुशील कुमार उरांव, रंजीत भगत, रोपना भगत, प्रभु उरांव, अमित कुजूर, रमेश उरांव, मानिक खेरवार, संजीव उरांव, मंगलेश्वर उरांव, सुरेश कायम उरांव, प्रमोद मुंडा, रंजीत उरांव, राजेश उरांव, सरवन भगत, महावीर उरांव, गौतम देव कुमार उरांव, बृजेश उरांव, आशीष रंजन भगत, अविनाश भगत, अमीन उरांव, अविनाश कुजूर, अक्षय भगत समेत कई अन्य शामिल रहे। उनकी मौजूदगी ने आयोजन की गरिमा को और बढ़ा दिया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम और लोक परंपराएं

पूजा-अर्चना के बाद छात्रावास के विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। पारंपरिक गीतों और नगाड़ा-मांदर की थाप पर नृत्य की शानदार प्रस्तुतियों ने वातावरण को जीवंत कर दिया। छात्र-छात्राओं ने अपनी सांस्कृतिक झलक दिखाकर सबका मन मोह लिया।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

स्थानीय ग्रामीणों और पूर्व छात्रों ने कहा कि करम पूजा केवल धार्मिक आस्था का पर्व नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति और भाईचारे का प्रतीक है। कार्तिक उरांव महाविद्यालय छात्रावास का यह आयोजन वर्षों से एकता, परंपरा और सामाजिक समरसता का संदेश देता आ रहा है।

न्यूज़ देखो: करम पर्व ने छात्रावास को बनाया संस्कृति का केंद्र

गुमला में कार्तिक उरांव महाविद्यालय छात्रावास का यह आयोजन दिखाता है कि कैसे छात्र और पूर्व छात्र मिलकर परंपराओं को जीवित रखते हैं। इस तरह के सांस्कृतिक पर्व न केवल आस्था को मजबूत करते हैं, बल्कि नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़े रखते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

संस्कृति को जीवित रखने का संकल्प

करम पर्व हमें याद दिलाता है कि परंपरा और भाईचारा ही समाज की असली ताकत है। अब समय है कि हम सब मिलकर अपनी संस्कृति को संजोएं और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएं। अपनी राय कमेंट में दें और इस खबर को साझा करें ताकि करम पूजा का संदेश दूर-दूर तक फैले।

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