
#मेदिनीनगर #स्कूलकार्यक्रम : संत मरियम विद्यालय में ब्रूस ली की जयंती पर कराटे प्रदर्शन और केक काटने के साथ मनाया उत्सव
- संत मरियम विद्यालय, नावाहाता में ब्रूस ली की 85वीं जयंती मनाई गई।
- कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानाचार्य कुमार आदर्श, क्योंशि डॉ. संतोष कुमार और नन्हे कराटेकाओं ने किया।
- ब्रूस ली के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।
- प्रधानाचार्य, प्रशिक्षक व बच्चों ने केक काटकर श्रद्धांजलि दी।
- विद्यार्थियों ने आकर्षक कराटे प्रदर्शन प्रस्तुत किया।
- ब्रूस ली के जीवन, अनुशासन और प्रेरणा पर प्रधानाचार्य ने संदेश दिया।
मेदिनीनगर के नावाहाता स्थित संत मरियम विद्यालय में विश्वप्रसिद्ध मार्शल आर्टिस्ट ब्रूस ली की 85वीं जयंती उत्साहपूर्वक मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के प्रधानाचार्य कुमार आदर्श, मार्शल आर्ट प्रशिक्षक क्योंशि डॉ. संतोष कुमार और नन्हे कराटेकाओं द्वारा ब्रूस ली के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। इसके बाद सभी उपस्थित लोगों ने संयुक्त रूप से केक काटकर इस महान व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि दी। विद्यार्थियों ने कराटे कौशल का शानदार प्रदर्शन कर कार्यक्रम को और भी प्रेरक बना दिया।
कार्यक्रम का आयोजन और माहौल
कार्यक्रम सुबह से ही उत्साहपूर्ण वातावरण में शुरू हुआ। कराटे की वर्दी पहने नन्हे खिलाड़ी उत्सुकता के साथ उपस्थित थे। प्रशिक्षक क्योंशि डॉ. संतोष कुमार ने बच्चों को ब्रूस ली की उपलब्धियों, संघर्षों और उनकी जर्नी के बारे में बताया, जिसने स्कूल के बच्चों पर गहरा प्रभाव डाला। कराटे प्रदर्शन में विद्यार्थियों ने अलग-अलग तकनीकों, किकिंग, पंचिंग और टीम सिंक्रोनाइज़ेशन का बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिससे उपस्थित शिक्षक और छात्र प्रभावित हुए।
प्रधानाचार्य कुमार आदर्श का प्रेरक संदेश
प्रधानाचार्य कुमार आदर्श ने कहा कि ब्रूस ली ने पूरे विश्व में मार्शल आर्ट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और अपने अनुशासन, इच्छाशक्ति और निरंतर अभ्यास के बल पर वह आज भी हर मार्शल आर्टिस्ट के लिए प्रेरणा हैं।
कुमार आदर्श ने कहा: “ब्रूस ली केवल युद्ध कौशल के महारथी ही नहीं थे, बल्कि उनकी अनुशासनप्रियता, दूरदर्शिता और चुनौतियों से लड़ने की क्षमता हम सबके लिए प्रेरणा है।”
उन्होंने बच्चों से आग्रह किया कि वे नियमित अभ्यास करें और जीवन में अनुशासन को सबसे पहले रखें। उन्होंने यह भी बताया कि ब्रूस ली ने न केवल मार्शल आर्ट में बल्कि फिल्मों के माध्यम से भी दुनिया को प्रभावित किया।
कराटे प्रशिक्षक डॉ. संतोष कुमार का मार्गदर्शन
क्योंशि डॉ. संतोष कुमार ने बच्चों को कराटे के महत्व, आत्मरक्षा की आवश्यकता और मानसिक मजबूती पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कराटे केवल शारीरिक कला नहीं है, बल्कि यह मन, शरीर और आत्मा को संतुलित करता है। बच्चों ने प्रशिक्षक की बातों को ध्यानपूर्वक सुना और आगे और बेहतर बनने का संकल्प लिया।
बच्चों ने दिया कौशल का प्रदर्शन
कार्यक्रम में बच्चों ने समूह व व्यक्तिगत प्रस्तुतियों के माध्यम से कराटे की कई विधाओं का प्रदर्शन किया। दर्शकों ने बच्चों की मेहनत, समर्पण और अद्भुत ऊर्जा की सराहना की। विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भी पूरे कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाई।
समापन में प्रेरणा और प्रतिबद्धता
कार्यक्रम का अंत बच्चों को मार्शल आर्ट के महत्व और दैनिक अभ्यास की अनिवार्यता पर प्रेरक संदेश देकर किया गया। विद्यालय प्रशासन ने आगे भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की बात कही, ताकि विद्यार्थियों में अनुशासन और आत्मविश्वास का विकास हो सके।

न्यूज़ देखो: बच्चों में अनुशासन और आत्मरक्षा की शिक्षा का मजबूत कदम
संत मरियम विद्यालय का यह आयोजन न सिर्फ ब्रूस ली को श्रद्धांजलि है, बल्कि बच्चों को आत्मरक्षा, अनुशासन और मानसिक मजबूती का पाठ भी देता है। ऐसे कार्यक्रम बच्चों में आत्मविश्वास जगाते हैं और उन्हें समाज में सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार करते हैं। विद्यालय प्रबंधन और प्रशिक्षकों की यह पहल सराहनीय है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
अनुशासन, ऊर्जा और आत्मरक्षा से बने मजबूत भविष्य की नींव
मार्शल आर्ट बच्चों में आत्मविश्वास, अनुशासन और डर पर विजय पाने की क्षमता जगाता है। ब्रूस ली की सीख हमें बताती है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और निरंतर अभ्यास से कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता। आइए बच्चों को सकारात्मक दिशा देने में सहयोग करें, ताकि वे सुरक्षित, सक्षम और जागरूक नागरिक बन सकें।
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