आस्था

करवा चौथ 2025: वैवाहिक जीवन की पवित्रता और प्रेम का प्रतीक

Join News देखो WhatsApp Channel
#भारत #करवाचौथ : सुहागिनों का सबसे पावन पर्व, जहां प्रेम, त्याग और आस्था का संगम होता है
  • करवा चौथ 2025 इस वर्ष 10 अक्टूबर शुक्रवार को मनाया जाएगा।
  • विवाहित महिलाएं पति की दीर्घायु और सौभाग्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
  • पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:56 से 7:10 बजे तक निर्धारित है।
  • चांद को छलनी से देखकर पति के हाथों जल ग्रहण कर व्रत खोला जाएगा।
  • यह पर्व भारतीय नारी की आस्था, प्रेम और समर्पण का जीवंत प्रतीक है।

करवा चौथ का त्योहार भारतीय संस्कृति में वैवाहिक जीवन की पवित्रता, विश्वास और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। सुहागिन महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पति-पत्नी के रिश्ते में भावनात्मक जुड़ाव और एकनिष्ठता का प्रतीक भी है।

करवा चौथ 2025 व्रत तिथि और धार्मिक महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को मनाया जाएगा। चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर रात 10:54 बजे से प्रारंभ होकर 10 अक्टूबर शाम 7:38 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार व्रत 10 अक्टूबर को ही रखा जाएगा। महिलाएं सूर्योदय से पहले सरगी लेकर पूरे दिन बिना जल पिए व्रत रखती हैं। संध्या समय चंद्रमा के दर्शन के साथ व्रत का समापन करती हैं। यह पर्व पति-पत्नी के बीच प्रेम, समर्पण और विश्वास का उत्सव है।

करवा चौथ पूजा विधि और मुहूर्त

इस वर्ष करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:56 से 7:10 बजे तक रहेगा। महिलाएं संध्या समय लकड़ी की चौकी पर भगवान शिव, माता पार्वती, कार्तिकेय और गणेश जी की मूर्तियाँ स्थापित करती हैं। पूजा में मिट्टी का करवा, जल, नारियल, पुष्प, दीप, अक्षत और चंदन का प्रयोग किया जाता है।

परंपरा है कि चंद्रमा को अर्घ्य देने से पहले चौथ माता की कथा सुनना आवश्यक होता है। कथा के बाद महिलाएं छलनी से चंद्रमा और पति का दर्शन करती हैं और पति के हाथों जल ग्रहण कर व्रत का समापन करती हैं।

सुहागिनों के लिए करवा चौथ व्रत कथा

पौराणिक मान्यता के अनुसार पहली बार माता पार्वती ने भगवान शिव की दीर्घायु के लिए यह व्रत रखा था। उन्होंने कठोर तप कर अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त किया। माना जाता है कि चौथ माता की कथा सुनने और श्रद्धा से व्रत रखने वाली महिलाओं को अखंड सौभाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। महिलाएं पूजा के समय गेहूं के दाने हाथ में लेकर कथा सुनती हैं और पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।

करवा चौथ व्रत में क्या करें और क्या न करें

व्रत के सफल पालन के लिए कुछ नियमों का पालन आवश्यक है।
क्या करें:

  • सूर्योदय से पहले स्नान कर सरगी का सेवन करें।
  • पूरे दिन श्रद्धा से निर्जला व्रत रखें।
  • संध्या के समय कथा अवश्य सुनें और चंद्रमा को अर्घ्य दें।

क्या न करें:

  • व्रत के दौरान जल या भोजन ग्रहण न करें।
  • पूजा करते समय दक्षिण दिशा की ओर मुख न करें।
  • क्रोध, झूठ या कटु वाणी से बचें।

इन नियमों का पालन करने से व्रत का फल पूर्ण रूप से प्राप्त होता है।

करवा चौथ की परंपराएं और सांस्कृतिक महत्व

यह पर्व धार्मिक होने के साथ-साथ सांस्कृतिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। महिलाएं सोलह श्रृंगार, मेहंदी, और सरगी की परंपरा निभाती हैं। यह नारीत्व की सुंदरता, संयम और समर्पण का उत्सव है। कई स्थानों पर कुंवारी कन्याएं भी यह व्रत रखती हैं ताकि उन्हें मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त हो।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और धार्मिक प्रभाव

पौराणिक कथाओं के अनुसार, देव-दानव युद्ध के दौरान देवपत्नियों ने अपने पतियों की विजय के लिए यह व्रत रखा था। इस व्रत के प्रभाव से देवता विजयी हुए और इसी दिन चंद्रमा का उदय हुआ था। इसीलिए चंद्रमा को अर्घ्य देने की परंपरा आज भी कायम है। यह पर्व स्त्रियों को आत्मबल, धैर्य और मानसिक स्थिरता प्रदान करता है।

करवा चौथ 2025 आस्था, प्रेम और समर्पण का प्रतीक

यह व्रत भारतीय नारी के त्याग, प्रेम और निष्ठा का अद्भुत उदाहरण है। करवा चौथ केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि वैवाहिक जीवन की सुदृढ़ता और परिवारिक सौहार्द का उत्सव है। यह पर्व बताता है कि सच्चा प्रेम केवल शब्दों से नहीं, बल्कि आस्था और त्याग से निभाया जाता है।

न्यूज़ देखो: करवा चौथ आस्था और नारीशक्ति का प्रतीक पर्व

करवा चौथ का व्रत भारतीय नारी की आस्था, समर्पण और प्रेम की अद्भुत मिसाल है। यह पर्व स्त्री की शक्ति और परिवार के प्रति उसके समर्पण की भावना को नमन करता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

प्रेम और आस्था का चांदनी पर्व

करवा चौथ केवल चंद्र दर्शन का दिन नहीं, बल्कि आत्मीयता और विश्वास का उत्सव है। आइए, इस पर्व पर हम सब वैवाहिक जीवन में प्रेम, सम्मान और एक-दूसरे के प्रति विश्वास को और गहरा करें। अपनी शुभकामनाएं साझा करें और इस पावन पर्व की रोशनी सभी तक पहुंचाएं।

📥 Download E-Paper

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250610-WA0011
Engineer & Doctor Academy
IMG-20250723-WA0070
Radhika Netralay Garhwa
IMG-20250604-WA0023 (1)
1000264265
IMG-20250925-WA0154
20250923_002035
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें

Related News

ये खबर आपको कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया दें

Back to top button
error: