Site icon News देखो

कभी था नक्सलियों का गढ़, अब बह रही विकास की बयार

सरसोत में विकास की नई राह

पलामू जिले के हरिहरगंज प्रखंड अंतर्गत सरसोत, जो बिहार की सीमा से सटा हुआ है, अब विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है। यहां बटाने नदी पर पुल निर्माण जारी है, जबकि गांव को जोड़ने वाली दो प्रमुख सड़कें भी बनाई जा रही हैं।

कभी नक्सलियों का गढ़ था यह इलाका

सरसोत कभी नक्सलियों का गढ़ हुआ करता था। 1995 से 2000 के बीच कई नक्सली घटनाएं हुई थीं। नक्सलियों ने स्कूल भवन को उड़ा दिया था और कई ग्रामीणों की हत्या भी कर दी थी। इस कारण सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पथरा ओपी की स्थापना की गई।

ग्रामीणों ने महसूस की शांति

ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 5 वर्षों में गांव में शांति बनी हुई है। पहले नक्सलियों के डर से चुनाव प्रभावित होते थे, लेकिन इस बार शांतिपूर्ण मतदान हुआ और वोटिंग प्रतिशत दोगुनी हो गई।

पुलिस के प्रयास से बदली स्थिति

सरसोत निवासी और समाजसेवी अभिषेक सिंह (मोनू) ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव हिंसामुक्त होने का श्रेय पलामू एसपी रेष्मा रमेशन को दिया। उन्होंने कहा कि तीन दशक बाद पूरे पलामू जिले में शांति से चुनाव संपन्न हुए। 2019 से पथरा ओपी की सक्रियता के कारण नक्सली घटनाओं में भारी कमी आई है और विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं।

झारखंड में विकास और बदलाव की हर खबर के लिए जुड़े रहें ‘न्यूज़ देखो’ के साथ।

Exit mobile version