झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार द्वारा राज्य के 1.36 लाख करोड़ रुपये के बकाया राशि से इनकार करने के बाद भाजपा सांसदों से इस मामले में मदद की अपील की है। उन्होंने कहा कि झारखंड के विकास के लिए इस बकाया राशि की जरूरत है, और उम्मीद है कि भाजपा सांसद इसे दिलाने में अपनी भूमिका निभाएंगे।
सोमवार को केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया कि केंद्र पर झारखंड का कोई बकाया नहीं है और 1.36 लाख करोड़ रुपये का दावा गलत है। इस बयान के बाद केंद्र और राज्य सरकार के बीच विवाद बढ़ने के आसार हैं।
मुख्य विवाद:
- झारखंड सरकार का दावा है कि माइंस और कोयला रॉयल्टी के मद में केंद्र पर 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया हैं।
- केंद्र ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इस दावे का कोई आधार नहीं है।
- सीएम सोरेन ने पहले भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस राशि को राज्य को लौटाने की मांग की थी।
राजनीतिक प्रतिक्रिया:
- हेमंत सोरेन:
- “झारखंड के भाजपा सांसदों से उम्मीद है कि वे इस जायज मांग को दिलाने में मदद करेंगे। झारखंड के विकास के लिए यह राशि बेहद जरूरी है।”
- केंद्र सरकार:
- “झारखंड का केंद्र पर कोई बकाया नहीं है। केंद्र झारखंड के साथ समानता और न्याय के आधार पर कार्य करता है।”
चुनावी प्रभाव:
यह मुद्दा राज्य में बड़ा राजनीतिक विषय बन सकता है। झारखंड मुक्ति मोर्चा और विपक्षी दल इसे केंद्र सरकार के खिलाफ मुद्दा बना रहे हैं।
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