
#राशन_कार्ड – ई-केवाईसी की अनिवार्यता, केंद्र सरकार ने जारी किया नया निर्देश:
- राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी की समय सीमा 31 मार्च से बढ़ाकर 30 अप्रैल 2025 की गई।
- नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के तहत सभी लाभार्थियों के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य।
- ई-केवाईसी पूरा न करने पर राशन सब्सिडी और खाद्यान्न आवंटन में रुकावट आ सकती है।
- झारखंड सहित सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्र सरकार ने पत्र भेजा।
- 100% ई-केवाईसी सुनिश्चित करने के लिए राज्यों को सख्त निर्देश।
राशन कार्ड धारकों के लिए केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान
केंद्र सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी कराने की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। अब राशन कार्डधारक 30 अप्रैल 2025 तक ई-केवाईसी करवा सकते हैं। इससे पहले यह समयसीमा 31 मार्च 2025 तक निर्धारित थी।
केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने इस संबंध में एक पत्र जारी कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे 100% ई-केवाईसी सुनिश्चित करें।
क्यों जरूरी है ई-केवाईसी?
सरकार के मुताबिक, ई-केवाईसी की प्रक्रिया पारदर्शिता सुनिश्चित करने, डुप्लिकेशन रोकने और सब्सिडी के सही वितरण के लिए अनिवार्य है। यदि कोई राशन कार्डधारक ई-केवाईसी समय पर पूरा नहीं करता है, तो उसका खाद्यान्न आवंटन रोका जा सकता है।
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि—
“अगर कोई राज्य या केंद्र शासित प्रदेश 30 अप्रैल 2025 तक 100% ई-केवाईसी पूरा नहीं करता, तो डीसीपी राज्यों की राशन सब्सिडी रोकी जा सकती है, जबकि गैर-डीसीपी राज्यों के लिए खाद्यान्न आवंटन में कटौती की जा सकती है।”
राज्यों को तत्काल एक्शन लेने के निर्देश
मंत्रालय ने राज्यों से आग्रह किया है कि वे जल्द से जल्द ई-केवाईसी अभियान को पूरा करें और केंद्र को प्रगति रिपोर्ट भेजें। यदि किसी राज्य को तकनीकी या प्रशासनिक सहायता की जरूरत हो, तो वह केंद्र सरकार से संपर्क कर सकता है।
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राशन कार्डधारकों के लिए ई-केवाईसी बेहद जरूरी है, ताकि उन्हें बिना रुकावट राशन मिलता रहे। सरकार की इस पहल का उद्देश्य गरीबों को समय पर खाद्यान्न उपलब्ध कराना और सिस्टम को पारदर्शी बनाना है।
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