घटना के मुख्य बिंदु:
- स्थान: बिरनी प्रखंड के केशोडीह पंचायत भवन।
- आरोप: आधार सेवाओं के नाम पर निर्धारित शुल्क से अधिक वसूली।
- प्रभावित: ग्रामीणों से बच्चों के आधार अपडेट व जन्मतिथि सुधार के नाम पर 200 से 2000 रुपये तक वसूले जा रहे हैं।
- ग्रामीणों की मांग: निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई।
घटना का विवरण
बिरनी प्रखंड के केशोडीह पंचायत भवन में आधार सेवाओं के संचालन के नाम पर अवैध वसूली की घटनाएं सामने आई हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि सीएससी संचालक पिंटू कुमार उर्फ किशोर कुमार भारती द्वारा आधार कार्ड अपडेट और नए कार्ड बनवाने पर निर्धारित शुल्क से अधिक पैसे वसूले जा रहे हैं।
ग्रामीणों का अनुभव
सिरमाडीह निवासी राजेश साव ने बताया कि उन्होंने अपने 12 वर्षीय पुत्र का फिंगरप्रिंट अपडेट कराने के लिए सीएससी का रुख किया। संचालक ने उनसे 200 रुपये की मांग की, जबकि सरकारी दरों के अनुसार यह सेवा न्यूनतम शुल्क या मुफ्त होनी चाहिए।
ग्रामीणों का कहना है कि:
- बच्चों के नए आधार कार्ड बनाने पर 200-250 रुपये वसूले जा रहे हैं।
- जन्मतिथि सुधार के लिए 2000 रुपये तक की मांग की जाती है।
- फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का उपयोग कर जन्मतिथि में बदलाव किया जा रहा है।
संचालक का बयान
संचालक पिंटू कुमार ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि “यदि किसी के पास सबूत है, तो वह पेश करें।”
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन और आधार अथॉरिटी से अपील की है कि:
- निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो।
- पंचायत भवन में नागरिक सेवाओं का संचालन पारदर्शी और नियमबद्ध हो।
प्रशासनिक दृष्टिकोण
आधार सेवाएं भारत सरकार द्वारा निशुल्क या न्यूनतम शुल्क पर उपलब्ध कराई जाती हैं। इस प्रकार की वसूली न केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है, बल्कि गरीब और जरूरतमंदों पर आर्थिक बोझ डालती है।
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