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केतार में श्री सूर्य नारायण मंदिर से निकली भव्य कलश यात्रानारायण वन में तीन दिवसीय रामकथा महायज्ञ का शुभारंभ

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#SuryaMandirKetar #KalashYatra #NarayanVanYagya | आस्था, परंपरा और चमत्कारों से जुड़ी कहानी

  • केतार में श्री सूर्य नारायण मंदिर का चौथा स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है
  • तीन दिवसीय श्री सूर्य सहस्त्रार्चन एवं संगीतमय रामकथा ज्ञान महायज्ञ का आयोजन
  • सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पंडा नदी से जल उठाकर किया जलाभिषेक
  • आस्था की प्रतीक नारायण वन में होती हैं सच्चे मन से मांगी गई मुरादें पूरी
  • मंदिर की स्थापना चमत्कारी स्वप्न और तपस्वी की तपस्या से जुड़ी

श्री सूर्य मंदिर में आरंभ हुआ तीन दिवसीय धार्मिक आयोजन

केतार, गढ़वा — प्रखंड क्षेत्र के सुप्रसिद्ध श्री सूर्य नारायण मंदिर के चौथे स्थापना दिवस के पावन अवसर पर तीन दिवसीय श्री सूर्य सहस्त्रार्चन एवं संगीतमय राम कथा ज्ञान महायज्ञ का शुभारंभ शनिवार को हुआ। यज्ञाचार्य श्री सौरभ भारद्वाज के मार्गदर्शन में दिव्य जलयात्रा निकाली गई जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

“श्रद्धालुओं ने मुकुंदपुर की पंडा नदी से जल उठाकर मंत्रोच्चार एवं जयघोष के साथ नारायण वन स्थित सूर्य मंदिर में जलाभिषेक किया।”

इस अवसर पर मुख्य यजमान दुर्गेश ठाकुर, उनकी धर्मपत्नी रानी देवी, मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष योगेंद्र कुमार सिंह, सचिव रविकांत चंद्रवंशी, मुखिया मूंगा साह, यज्ञ समिति अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।

नारायण वन: आस्था का अद्भुत केंद्र

जिला मुख्यालय से 65 किमी दूर, केतार प्रखंड अंतर्गत मुकुंदपुर गांव के दक्षिण में स्थित नारायण वन, जहां तीनों ओर से पहाड़ी वादियां घिरी हैं, एक दिव्य और आध्यात्मिक वातावरण रचता है। यह मंदिर एक चमत्कारी स्वप्न की परिणति है।

“करीब आठ दशक पूर्व श्री श्री 1008 कृष्णानंद ब्रह्मचारी को स्वप्न में सूर्य देव की प्रकाशमान आकृति दिखाई दी थी, जिसके बाद मंदिर की स्थापना की गई।”

स्वप्न के आधार पर भूतगड़वा नामक स्थान पर खुदाई की गई और एक प्रकाशमान पत्थर मिला, जिसे सूर्य का स्वरूप मानकर स्थापित किया गया। धीरे-धीरे इस मंदिर को लेकर श्रद्धा बढ़ती गई और चंदा इकट्ठा कर ग्रामीणों ने विशाल रथनुमा मंदिर का निर्माण करवाया।

छठ महापर्व पर संतान प्राप्ति की होती है मान्यता

14 अप्रैल 2022 को महायज्ञ के बाद भगवान सूर्य की स्थापना नवनिर्मित मंदिर में की गई। नारायण वन का यह मंदिर विशेष रूप से संतान प्राप्ति के लिए प्रसिद्ध है।

“कहा जाता है कि यहां छठ महापर्व के दिन जो भी महिलाएं पुत्र प्राप्ति की कामना लेकर आती हैं, उनकी मुरादें पूरी होती हैं। हर वर्ष दो-तीन माताओं को संतान सुख की प्राप्ति होती है।”

झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में लोग मन्नतें मांगने के लिए यहां आते हैं।

श्रद्धालु सेवा में लगे समिति सदस्य

मंदिर के पुजारी ओम नारायण पंडित, सुनील चौबे, विमलेश पासवान, प्रमोद प्रसाद, शशांक सौरभ सहित अनेक सदस्य श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर हैं। आयोजन में धार्मिक अनुशासन, संगठित कार्यक्रम और आध्यात्मिक ऊर्जा का सुंदर संगम देखने को मिल रहा है।

न्यूज़ देखो: आस्था से जुड़िए, संस्कृति को जानिए

नारायण वन का श्री सूर्य मंदिर न केवल एक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह विश्वास और श्रद्धा की जीती-जागती मिसाल भी है। ‘न्यूज़ देखो’ अपने पाठकों से अपील करता है कि ऐसे पवित्र स्थलों से जुड़कर संस्कृति की गहराइयों को महसूस करें और धार्मिक आयोजनों का हिस्सा बनें।

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