
#केतार #जलसंकट #14वां_वित्त_अनियमितता : पेयजल संकट गहराया, ग्रामीण बोले – “जलमीनार निर्माण में भारी अनियमितता हुई है”
- उत्क्रमित मध्य विद्यालय मुकुंदपुर के पास लगा जलमीनार फिर टूटा
- तीन माह के अंदर दो बार फटा सिंटेक्स, ग्रामीणों को भारी परेशानी
- ग्रामीणों ने पेयजल संकट को लेकर जताई नाराजगी
- अनियमितता की जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग
सिंटेक्स फटने से बढ़ी पानी की किल्लत
केतार (गढ़वा) : उत्क्रमित मध्य विद्यालय मुकुंदपुर के चहारदीवारी से सटे केतार-कांडी कोल रोड के समीप 14वें वित्त से लगाए गए जलमीनार का सिंटेक्स टैंक फटने से क्षेत्र में पेयजल की भारी किल्लत हो गई है।
स्थानीय ग्रामीण नगीना वियार, नागेंद्र चंद्रवंशी, सोनू चंद्रवंशी, अनिल वियार और भरदूल वियार ने बताया कि सितंबर में पहली बार सिंटेक्स टैंक फटकर गिर गया था, जो बड़ी दुर्घटना में बदल सकता था। जनवरी में पुनः नया सिंटेक्स लगाया गया, लेकिन दो महीने बाद वह भी फट गया।
चापाकलों की भी हालत खराब
ग्रामीणों ने जानकारी दी कि आसपास के पंचायत भवन, भरदूल वियार के घर, और श्री सूर्य नारायण मंदिर परिसर में मौजूद चापाकल भी खराब हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।
“जलमीनार की गुणवत्ता अत्यंत खराब है। मुश्किल से तीन माह भी सिंटेक्स नहीं टिक पा रहा है। ये भ्रष्टाचार का मामला है,”
कहा ग्रामीण नगीना वियार ने।
निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि जलमीनार निर्माण में भारी अनियमितता हुई है, और उन्होंने 14वें वित्त से हुए कार्यों की जांच की मांग की है। साथ ही सिंटेक्स के जल्द मरम्मत और क्षेत्र के सभी खराब चापाकलों की मरम्मत कराने की मांग भी की है।
“यदि कोई व्यक्ति उस समय जलमीनार के पास होता तो बड़ी जान-माल की क्षति हो सकती थी। यह लापरवाही नहीं, अपराध है,”
कहा सोनू चंद्रवंशी ने।
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