Palamau

खामडीह रैयतों ने सांसद विष्णु दयाल राम से की मुलाकात, भूमि अधिग्रहण रद्द करने की मांग – आंदोलन की चेतावनी

Join News देखो WhatsApp Channel
#सतबरवा #पलामू #भूमिअधिग्रहण_विवाद : रैयतों ने कहा – “यह सिर्फ ज़मीन नहीं, हमारे जीवन और अस्तित्व का सवाल है”
  • खामडीह के ग्रामीणों ने सांसद से मिलकर रेस्ट एरिया निर्माण के लिए हो रहे भूमि अधिग्रहण को रद्द करने की मांग की
  • ग्रामीणों ने कहा, हमारी पुश्तैनी ज़मीन पर जबरन अधिग्रहण अन्यायपूर्ण और आजीविका पर हमला है
  • सांसद विष्णु दयाल राम ने NH अधिकारियों से बात कर समाधान का भरोसा दिलाया
  • समाजसेवी आशीष सिन्हा ने ग्रामीणों के पक्ष में प्रशासन से संवेदनशीलता दिखाने की अपील की
  • रैयतों ने चेताया – अगर मांगें नहीं मानी गईं तो शांतिपूर्ण आंदोलन होगा शुरू

पुश्तैनी ज़मीन अधिग्रहण के खिलाफ खड़ा हुआ सतबरवा का ग्रामीण समाज

सतबरवा (पलामू) – सतबरवा प्रखंड के खामडीह गांव के दर्जनों रैयतों ने रविवार को पलामू सांसद विष्णु दयाल राम से उनके आवास पर मिलकर पूर्णाडीह और रूपौधा में प्रस्तावित रेस्ट एरिया निर्माण के लिए हो रहे भूमि अधिग्रहण को रद्द करने की मांग की।

ग्रामीणों का कहना है कि बिना उनकी सहमति के ज़मीन ली जा रही है, जो उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत है। उन्होंने आरोप लगाया कि एनएच-39 के अलावे लगभग 5 एकड़ अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण का प्रयास हो रहा है, जबकि यही ज़मीन खेती और जीवन यापन का एकमात्र आधार है।

“यह सिर्फ ज़मीन नहीं, हमारे जीवन और अस्तित्व का सवाल है। जब तक प्रशासन हमारी बात नहीं सुनेगा, तब तक हम चुप नहीं बैठेंगे।”
रैयत प्रतिनिधि मंडल

सांसद ने लिया गंभीर संज्ञान, NHAI अधिकारियों से की बात

ग्रामीणों की समस्या को सांसद विष्णु दयाल राम ने गंभीरता से सुना और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के वरीय अधिकारियों से त्वरित बातचीत की। उन्होंने रांची स्थित NHAI डीएम से भी चर्चा कर निष्पक्ष समाधान पर बल दिया।

“किसान अन्नदाता हैं, उनके साथ अन्याय नहीं होने दूंगा। पूरी कोशिश होगी कि न्याय मिले।”
सांसद विष्णु दयाल राम

समाजसेवी आशीष सिन्हा ने दिया समर्थन

प्रतिनिधिमंडल में शामिल समाजसेवी आशीष सिन्हा ने भी ग्रामीणों की मांगों का समर्थन किया। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि संवेदनशीलता और पारदर्शिता के साथ निर्णय लिया जाए ताकि कोई रैयत अन्याय का शिकार न हो।

आंदोलन की चेतावनी

ग्रामीणों ने साफ कहा है कि अगर अधिग्रहण प्रक्रिया नहीं रोकी गई, तो वे शांतिपूर्ण आंदोलन शुरू करेंगे
उनका कहना है कि यह कोई विकास विरोध नहीं, बल्कि अपने अधिकार और आजीविका की रक्षा की लड़ाई है।

प्रतिनिधिमंडल में – विष्णु साव, राजबली यादव, किशोर साव, सोनू कुमार, अनुज कुमार, मदन साव, मुनेश्वर साव सहित दर्जनों रैयत शामिल थे।

न्यूज़ देखो: जनता की आवाज़, अधिकार की रिपोर्टिंग

न्यूज़ देखो हर उस आवाज को सामने लाता है जो प्रशासन तक अपनी पीड़ा पहुंचाने को संघर्ष कर रही है।
खामडीह के ग्रामीणों की यह लड़ाई ज़मीन की नहीं, अपने अस्तित्व की है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

लोकतंत्र में संवाद ही समाधान का रास्ता

सतबरवा के इस मामले से साफ होता है कि बिना जन-सहमति के किसी भी परियोजना की सफलता अधूरी है।
विकास तभी टिकाऊ होगा जब उसमें स्थानीय लोगों की भागीदारी और सहमति होगी।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250723-WA0070
1000264265
IMG-20250925-WA0154
IMG-20251017-WA0018
IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20250610-WA0011
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Related News

Back to top button
error: