- दुदुन मेहता, अरंगी पंचायत के निवासी, ने JNU से पीएचडी कर युवाओं को प्रेरित किया।
- पिता रामराज मेहता ने खेती और सब्जी बेचकर बेटे को उच्च शिक्षा दिलाई।
- दुदुन मेहता ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और उनकी मेहनत को दिया।
- अरंगी गाँव में डॉ. दुदुन मेहता का फूल-मालाओं से स्वागत हुआ।
- वे उत्तराखंड उच्च शिक्षा विभाग में सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्यरत हैं।
खरौंधी प्रखंड के अरंगी पंचायत निवासी दुदुन मेहता ने अपनी मेहनत और लगन से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। उनके पिता, रामराज मेहता, एक किसान हैं, जिन्होंने सब्जी उगाकर और बेचकर अपने बेटे की शिक्षा का खर्च उठाया।
दुदुन मेहता ने अपनी शिक्षा के दौरान आने वाली सभी कठिनाइयों को पार किया और आज वे युवाओं और गरीब परिवारों के लिए एक मिसाल बन गए हैं। डॉ. दुदुन मेहता, जो वर्तमान में उत्तराखंड उच्च शिक्षा विभाग में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं, ने अपने गाँव लौटने पर अपने परिवार और गाँववासियों का दिल से आभार व्यक्त किया।
गाँव में स्वागत:
डॉ. मेहता के अरंगी गाँव लौटने पर पूरे गाँव में उत्साह का माहौल था। उन्हें फूल-मालाओं से लादकर सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा,
“मेरी सफलता मेरे माता-पिता के बलिदान और उनकी मेहनत का परिणाम है।”
गरीबी को मात देने का उदाहरण:
दुदुन मेहता ने गरीबी को अपनी सफलता की राह में बाधा नहीं बनने दिया। उनकी कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो संसाधनों की कमी के कारण अपने सपनों को छोड़ देते हैं।
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