#गढ़वा – ग्रामीणों ने पुलिस को रोका, आरोपी शिक्षक को थाने ले जाने पर भारी हंगामा:
- खरौंधी के भारती नगर में शिक्षक को संदिग्ध स्थिति में पकड़ने पर ग्रामीणों का हंगामा।
- ग्रामीणों ने मामले को सामाजिक बैठक में निपटाने की मांग की, पुलिस के हस्तक्षेप पर विरोध।
- सड़क जाम कर पुलिस को रोका, उग्र भीड़ और पुलिस के बीच तीखी झड़प।
- अतिरिक्त पुलिस बल बुलाकर आरोपी शिक्षक और महिला को थाने ले जाया गया।
घटना का पूरा विवरण
गढ़वा जिले के खरौंधी प्रखंड के भारती नगर में एक शिक्षक के अवैध संबंधों के आरोप में बड़ा बवाल खड़ा हो गया। ग्रामीणों ने उक्त शिक्षक को मंगलवार देर रात एक महिला के साथ संदिग्ध हालत में पकड़ लिया और पूरी रात घटनास्थल पर ही रखा। सुबह होते ही गांव के लोग बड़ी संख्या में वहां एकत्रित हो गए और मामले को सामाजिक स्तर पर निपटाने की मांग करने लगे।
इसी बीच किसी ने खरौंधी थाना पुलिस को सूचना दे दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शिक्षक एवं महिला को थाने ले जाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीणों ने इसका कड़ा विरोध किया और खरौंधी-भवनाथपुर मुख्य मार्ग को जाम कर दिया।
पुलिस और ग्रामीणों में तीखी झड़प
ग्रामीणों ने पुलिस को रोकने के लिए ईंट-पत्थर और झाड़ियों से अवरोधक बना दिए। मामला बढ़ता देख पुलिस और भीड़ के बीच तीन-चार बार झड़प हुई। खासकर महिलाओं ने पुलिस की कार्रवाई का पुरजोर विरोध किया। उनका कहना था कि गांव में बैठक कर इस मामले को सुलझाया जाना चाहिए, न कि पुलिस इसमें हस्तक्षेप करे।
अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया
स्थिति बिगड़ती देख पुलिस ने भवनाथपुर, केतार और हरिहरपुर ओपी से अतिरिक्त पुलिस बल मंगाया। इंस्पेक्टर गुलाब सिंह खुद मौके पर दलबल के साथ पहुंचे और किसी तरह हालात पर काबू पाया। पुलिस बल की मदद से आरोपी शिक्षक और महिला को थाने ले जाया गया।
ग्रामीणों का आक्रोश और पुलिस की कार्रवाई
बुधवार सुबह जब पहली बार पुलिस आरोपी शिक्षक को हिरासत में लेने पहुंची थी, तब भी ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया था। कुछ सामाजिक लोगों के हस्तक्षेप से जाम हटाया गया, लेकिन गांव के लोग अब भी नाराज थे। जब पुलिस दोबारा आरोपी को ले जाने पहुंची, तो भीड़ उग्र हो गई, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
पुलिस का बयान और आगे की कार्रवाई
इस मामले पर पुलिस इंस्पेक्टर गुलाब सिंह ने कहा कि आरोपी शिक्षक और महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि मामले में विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। दूसरी ओर, ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस को सामाजिक परंपराओं का सम्मान करना चाहिए था और गांव की बैठक में इस मामले को हल करने का अवसर देना चाहिए था।
न्यूज़ देखो – हर बड़े घटनाक्रम पर रहेगी हमारी नजर
खरौंधी में हुए इस विवाद ने पूरे क्षेत्र में चर्चा का माहौल बना दिया है। क्या पुलिस का हस्तक्षेप सही था, या फिर ग्रामीणों को अपने स्तर पर निर्णय लेने देना चाहिए था? अपनी राय कमेंट में बताएं, इस खबर को रेट करें और ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।