- तीन साल बाद एक बार फिर खाट पर मरीज को ले जाने की तस्वीर सामने आई।
- पीरटांड़ प्रखंड के दहिया गांव में सड़क का अभाव, आवागमन में भारी परेशानी।
- पीरटांड़ बीडीओ ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की।
गिरिडीह: झारखंड के गिरिडीह जिले में सरकारी दावों और योजनाओं की सच्चाई को उजागर करती एक घटना सामने आई है। पीरटांड़ प्रखंड के दहिया गांव में मनीषा नामक महिला को खाट पर लिटाकर उसके परिजन इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र ले गए, क्योंकि गांव में पक्की सड़क का अभाव है। यह घटना सरकारी तंत्र की लापरवाही और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी की गंभीर स्थिति को दर्शाती है।
सड़क न होने से एम्बुलेंस नहीं पहुंची
घटना के अनुसार, मनीषा अपने घर में गिरकर घायल हो गई थीं। गांव में सड़क न होने के कारण एम्बुलेंस उनके घर तक नहीं पहुंच सकी। इस कारण परिजन उन्हें खाट पर लिटाकर पक्की सड़क तक ले गए, जहां से एम्बुलेंस को बुलाया जा सका।
बीडीओ ने की जांच, मुखिया ने मानी गलती
घटना की जानकारी मिलते ही पीरटांड़ प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) मनोज कुमार अपने कर्मियों और मुखिया निर्मल तुरी के साथ मौके पर पहुंचे। जांच में यह बात सामने आई कि गांव में सड़क का निर्माण नहीं हुआ है, जिसके कारण यह समस्या हुई। मुखिया ने भी स्वीकार किया कि सड़क निर्माण के लिए प्रयास नहीं किए गए।
सरकारी दावों पर सवाल
यह घटना सरकार के “तेजी से विकास” और “आपकी सरकार आपके द्वार” जैसे कार्यक्रमों पर सवाल खड़े करती है। पिछले पांच वर्षों में दहिया गांव में सड़क निर्माण न हो पाना प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है। ग्रामीणों ने सड़क निर्माण की मांग कई बार उठाई, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी और सरकारी योजनाओं की सच्चाई को उजागर करना जरूरी है। जुड़े रहें ‘न्यूज़ देखो’ के साथ और जानें अपने क्षेत्र की हर छोटी-बड़ी खबर सबसे पहले।