
#कोडरमा #गांवकाविकास : वन विभाग से अनुमति मिलने के बाद शुरू हुआ खंभा लगाने का काम ग्रामीणों में खुशी की लहर
- फुलवरिया गांव आजादी के बाद से पहली बार बिजली से रोशन होगा।
- वन्यजीव अभ्यारण्य में स्थित होने के कारण NOC मिलने में वर्षों लग गए।
- ग्रामीणों ने कई बार किया आंदोलन और दिया ‘बिजली नहीं तो वोट नहीं’ का नारा।
- विधायक डॉ. नीरा यादव ने खंभा लगाने के कार्य का शिलान्यास किया।
- अगले 15 दिनों में गांव में जगमगाएगी बिजली।
कोडरमा जिला मुख्यालय से सटे नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड नंबर 1 स्थित फुलवरिया गांव की दशकों पुरानी प्रतीक्षा अब पूरी होने जा रही है। यह इलाका आजादी के बाद से अब तक बिजली से वंचित था। शनिवार को विधायक डॉ. नीरा यादव ने विधिवत खंभा लगाने के कार्य का शुभारंभ किया, जिसके बाद ग्रामीणों के चेहरे खुशी से खिल उठे।
वन विभाग की अनुमति ने खोली राह
फुलवरिया गांव की सबसे बड़ी समस्या उसका भौगोलिक स्थान था। यह गांव वन क्षेत्र और वन्यजीव अभ्यारण्य के बीच स्थित है, जिसके कारण बिजली आपूर्ति के लिए वन विभाग की अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) मिलना मुश्किल हो रहा था। वर्षों की कोशिशों और दबाव के बाद आखिरकार अनुमति मिल गई और कार्य प्रारंभ हो गया।
‘बिजली नहीं तो वोट नहीं’ का असर
ग्रामीणों ने बिजली की मांग को लेकर कई बार अपनी आवाज बुलंद की। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने ‘बिजली नहीं तो वोट नहीं’ का नारा दिया। इस दबाव ने अंततः सरकार को सक्रिय किया और अब फुलवरिया में बिजली पहुंचाने का सपना साकार हो रहा है।
ग्रामीणों की उम्मीदों में रोशनी
बिजली आपूर्ति शुरू होने से बच्चों की पढ़ाई, गांव के विकास और रोजमर्रा की जरूरतों में बड़ा बदलाव आएगा। अब तक अंधेरे में जी रहे ग्रामीण कहते हैं कि यह दिन उनके लिए ऐतिहासिक है। दशकों की कठिनाइयों के बाद अब उनके बच्चों का भविष्य रोशन होगा।
विधायक का आश्वासन
उद्घाटन के मौके पर विधायक डॉ. नीरा यादव ने कहा, “फुलवरिया के लोगों ने वर्षों तक बिजली के लिए इंतजार किया है। अब 15 दिनों के भीतर यह गांव रोशनी से जगमगाएगा। साथ ही सड़क और पेयजल जैसी समस्याओं का समाधान भी प्राथमिकता से किया जाएगा।”
न्यूज़ देखो: विकास की रोशनी अब गांव-गांव तक
फुलवरिया गांव की बिजली यात्रा इस बात की मिसाल है कि जनता की एकजुट आवाज बदलाव ला सकती है। दशकों का अंधेरा अब खत्म होने जा रहा है और इसके साथ ही विकास की नई राहें खुलेंगी।
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बदलाव की किरण
अब समय है कि हम सब गांव-गांव तक विकास की रोशनी फैलाने में अपनी भूमिका निभाएं। आप भी अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करें ताकि ऐसे संघर्षों से प्रेरणा मिल सके।