कोडरमा गौशाला की पहल: पर्यावरण संरक्षण के लिए होलिका दहन में होगा गौ काष्ठ का इस्तेमाल

लकड़ी के बजाय गौ काष्ठ का बढ़ता उपयोग

पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए कोडरमा गौशाला समिति ने होलिका दहन के लिए बड़े पैमाने पर गौ काष्ठ तैयार किया है। इससे लकड़ी की खपत को कम किया जा सकेगा और पर्यावरण को भी फायदा होगा। गाय के गोबर से तैयार गौ काष्ठ पूरी तरह लकड़ी के समान दिखता है और जलने में भी उतना ही प्रभावी होता है।

गौ काष्ठ निर्माण की प्रक्रिया

गौशाला समिति ने गौ काष्ठ निर्माण के लिए विशेष मशीन लगाई है। इसमें

गौ काष्ठ के फायदे

लकड़ी की तुलना में गौ काष्ठ जलाने से कम धुआं निकलता है, जिससे वायु प्रदूषण भी घटता है। इसके अलावा, जंगलों की अंधाधुंध कटाई पर भी रोक लगेगी।

गौशाला समिति का मानना है कि इस पर्यावरण हितैषी गौ काष्ठ का उपयोग

‘न्यूज़ देखो’ की नज़र

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कोडरमा गौशाला समिति की यह पहल सराहनीय है। क्या झारखंड के अन्य जिलों में भी ऐसी पहल देखने को मिलेगी? ‘न्यूज़ देखो’ इस विषय पर लगातार अपनी नज़र बनाए रखेगा, क्योंकि “हर खबर पर रहेगी हमारी नज़र”।

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