
#सिमडेगा #हाथीप्रभावितक्षेत्र : ग्रामीणों से मिल विधायक ने राहत सामग्री वितरित की और वन विभाग को चेताया
- कोलेबिरा विधायक नमन बिकशल कोनगाड़ी ने बोलबा प्रखंड के मालसाड़ा पंचायत का दौरा किया।
- हाथियों से प्रभावित ग्रामीणों को चावल, तिरपाल और टॉर्च वितरित की।
- ग्रामीणों ने वन विभाग की लापरवाही और मुवावजे में देरी की शिकायत की।
- विधायक ने कहा कि मुवावजा राशि बढ़ाने का मुद्दा विधानसभा और मुख्यमंत्री के सामने उठाया गया है।
- हाथी भगाने के उपाय के रूप में मधुमक्खी पालन और मिर्च की खेती करने की सलाह दी।
- विधायक ने वन विभाग के कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए जिम्मेदारी निभाने पर जोर दिया।
कोलेबिरा विधायक नमन बिकशल कोनगाड़ी ने हाथियों के उत्पात से प्रभावित ग्रामीणों की समस्याओं को समझने के लिए बोलबा प्रखंड के मालसाड़ा पंचायत के विभिन्न टोलों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री वितरित की और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ग्रामीणों के बीच टॉर्च भी बांटी। विधायक ने ग्रामीणों की परेशानियों को गंभीरता से सुना और उनके समाधान का आश्वासन दिया।
ग्रामीणों की शिकायतें
ग्रामीणों ने विधायक को बताया कि वन विभाग के कर्मचारी समय पर न तो मौके पर पहुंचते हैं और न ही हाथी भगाने की सामग्री उपलब्ध कराते हैं। साथ ही, मुआवजे की राशि मिलने में भी बहुत विलंब होता है। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि उनकी जीविका मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है और हाथियों से होने वाला नुकसान उनके जीवन पर गहरा असर डाल रहा है।
विधायक का आश्वासन
ग्रामीणों की बात सुनने के बाद विधायक ने कहा कि उन्होंने पहले ही विधानसभा में मुवावजा राशि बढ़ाने की मांग रखी है और इस विषय पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी अवगत कराएंगे।
नमन बिकशल कोनगाड़ी ने कहा: “मैं इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग करूंगा ताकि ग्रामीणों को राहत मिल सके।”
सतर्कता और समाधान के सुझाव
विधायक ने ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील की और कहा कि हाथी मुख्यतः भोजन की तलाश में गांव आते हैं। उन्होंने ग्रामीणों को मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित किया, क्योंकि हाथी मधुमक्खी के डंक से बचने के लिए दूर रहते हैं। इससे न केवल हाथियों से सुरक्षा मिलेगी बल्कि ग्रामीणों की आर्थिक आय में भी वृद्धि होगी। साथ ही, घरों के आसपास मिर्च के पौधे लगाने की भी सलाह दी, जिसकी गंध हाथियों को दूर रखती है।
वन विभाग को चेतावनी
विधायक ने वन विभाग की निष्क्रियता पर नाराजगी जताते हुए कर्मचारियों को चेताया कि केवल मुआवजा देना ही उनकी जिम्मेदारी नहीं है। उन्हें समय पर मौके पर जाकर हाथियों को भगाने और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में लापरवाही की शिकायत आने पर वे कठोर कार्रवाई करेंगे।
स्थानीय प्रतिनिधियों की उपस्थिति
इस मौके पर जिला विधायक प्रतिनिधि सह अल्पसंख्यक जिलाध्यक्ष रावेल लकड़ा, प्रखंड विधायक प्रतिनिधि सह 20 सूत्री अध्यक्ष संजय कुजुर, सांसद प्रतिनिधि सुनील टोप्पो, प्रखंड उपाध्यक्ष ज्वलंत बेक, विधायक प्रतिनिधि सह समिति सदस्य अंटोनी केरकेट्टा, ग्राम प्रधान जेम्स केरकेट्टा, अमित टोप्पो, नेल्सन डुंगडुंग, जॉर्ज मिंज सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।



न्यूज़ देखो: हाथियों से सुरक्षा और जिम्मेदारी दोनों जरूरी
इस घटना ने साफ कर दिया कि हाथियों की समस्या केवल वन विभाग की जिम्मेदारी नहीं बल्कि पूरे सिस्टम की परीक्षा है। ग्रामीणों की सुरक्षा, मुआवजे की त्वरित व्यवस्था और वन विभाग की सक्रियता अनिवार्य है। सरकार को स्थायी समाधान पर जल्द काम करना चाहिए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
प्रकृति और मानव का संतुलन बनाए रखना होगा
हाथियों के उत्पात को रोकने के लिए हमें सतर्कता के साथ दीर्घकालिक समाधान खोजने होंगे। अब समय है कि ग्रामीण, प्रशासन और सरकार मिलकर समस्या का हल निकालें। अपनी राय कमेंट करें और खबर को अधिक से अधिक साझा करें ताकि आवाज़ मुख्यमंत्री तक पहुंचे।