मझिआंव थाना क्षेत्र के मोरबे गांव में छठ पर्व के दौरान कोयल नदी में स्नान के समय तीन बच्चों के डूबने की घटना ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है। हादसे में अब तक दो बच्चों के शव बरामद किए जा चुके हैं, लेकिन चार दिन बाद भी तीसरे बच्चे का शव नहीं मिला है।
यह दुर्घटना गुरुवार, 7 नवंबर को हुई थी। इसके बाद से स्थानीय गोताखोरों और एनडीआरएफ की टीम ने लगातार चार दिनों तक तलाशी अभियान चलाया। 8 नवंबर को पहले बच्चे, पियूष (14 वर्ष), का शव मिला। शव मिलने से पहले आक्रोशित ग्रामीणों ने मोरबे चारमुहान पर सड़क जाम कर तीन सूत्रीय मांगें रखीं और करीब छह घंटे तक रास्ता अवरुद्ध किया। सीओ प्रमोद कुमार और थाना प्रभारी ने मौके पर पहुंचकर हर मृतक के परिवार को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने का आश्वासन देकर जाम समाप्त कराया।
अगले दिन, 9 नवंबर को दूसरा शव, फिजा खातून (7 वर्ष), कांडी थाना क्षेत्र के कोरगाई गांव के पास कोयल नदी किनारे मिला। तीसरे बच्चे, अमन कुमार (9 वर्ष), के शव की तलाश एनडीआरएफ ने मोरबे कोयल नदी से लेकर मोहम्मद गंज भीम बराज तक की, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली।
तलाशी अभियान में जाल और लोहे के कंटीले झागरों का भी उपयोग किया गया। प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी अनिल चौधरी ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उधर, भीम बराज फाटक के खुलने से तीसरे बच्चे का शव तेज धारा में बह जाने की आशंका जताई जा रही है। अमन के पिता अमरनाथ चंद्रवंशी समेत पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।