- लोहरदगा में जिला स्तरीय कृषि मेला-सह-प्रदर्शनी का आयोजन।
- सांसद सुखदेव भगत ने किसानों को खेती को व्यावसायिक रूप में अपनाने का सुझाव दिया।
- रागी उत्पादन के लिए जिले में बेहतर संभावनाओं पर जोर।
- इंटीग्रेटेड खेती और ऑर्गैनिक खेती की आवश्यकता पर चर्चा।
- सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने का आह्वान।
कृषि मेला-सह-प्रदर्शनी का उद्घाटन
लोहरदगा में गुरुवार को जिला स्तरीय कृषि मेला-सह-प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ सांसद सुखदेव भगत ने किया। इस दौरान उन्होंने किसानों को खेती को केवल जीवन-यापन का जरिया न मानते हुए इसे व्यावसायिक रूप में अपनाने का आह्वान किया।
रागी उत्पादन और इंटीग्रेटेड खेती
सांसद ने कहा कि लोहरदगा जिला रागी उत्पादन के लिए अनुकूल है और यहां बेहतर संभावनाएं हैं। उन्होंने यह भी बताया कि गुमला जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे शुरू किया गया है और जल्द ही लोहरदगा में भी इसे लागू किया जाएगा। साथ ही इंटीग्रेटेड खेती को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया, जिसमें कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन एक साथ किया जाए।
प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन
सांसद ने नदियों में सूखते जल को रोकने और डोभा व तालाब भरने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वाटर रिचार्ज करने की आवश्यकता है ताकि कृषि कार्यों को सुदृढ़ किया जा सके।
उप विकास आयुक्त का बयान
उप विकास आयुक्त दिलीप प्रताप सिंह शेखावत ने किसानों को उत्पादन बढ़ाने और उसकी बाजार में खपत पर ध्यान देने की सलाह दी। उन्होंने ऑर्गैनिक खेती और टपक सिंचाई का उपयोग कर उपज बढ़ाने का सुझाव दिया।
कार्यक्रम में उपस्थित लोग
इस अवसर पर सांसद प्रतिनिधि आलोक साहू, जिला कृषि पदाधिकारी कालेन खलखो समेत कई अन्य अधिकारी और किसान मौजूद थे।
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