
#सिमडेगा #जेंडर_सशक्तिकरण : जेंडर रिसोर्स सेंटर और जेंडर जस्टिस सेंटर की कार्यप्रणाली को समझने के लिए कुरडेग ब्लॉक की टीम ने ठेठईटांगर में सफल एक्सपोजर विजिट किया
- झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) के तहत कुरडेग ब्लॉक टीम का शैक्षणिक दौरा आयोजित।
- ठेठईटांगर मॉडल जेंडर रिसोर्स सेंटर एवं जेंडर जस्टिस सेंटर की कार्यप्रणाली का गहन अवलोकन।
- जेंडर सीआरपी द्वारा केस वर्क, काउंसलिंग, दस्तावेजीकरण एवं रेफरल तंत्र की जानकारी साझा।
- कुल 32 प्रतिभागियों की सहभागिता, जिनमें संकुल अध्यक्ष, जेंडर सीआरपी एवं जेएसएलपीएस स्टाफ शामिल।
- प्रखंड विकास पदाधिकारी नूतन मिंज ने प्रशासनिक सहयोग एवं सलाहकार समिति की भूमिका पर मार्गदर्शन दिया।
झारखंड में महिलाओं के अधिकारों और सामाजिक न्याय को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के अंतर्गत कुरडेग प्रखंड की टीम ने ठेठईटांगर प्रखंड स्थित जेंडर रिसोर्स सेंटर और जेंडर जस्टिस सेंटर का सफल एक्सपोजर विजिट किया। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य जेंडर आधारित मामलों के समाधान, केस मैनेजमेंट और संस्थागत संरचना को व्यवहारिक रूप से समझना था, ताकि कुरडेग प्रखंड में भी प्रभावी ढंग से इन व्यवस्थाओं को लागू किया जा सके।
इस शैक्षणिक भ्रमण के दौरान टीम ने ठेठईटांगर में संचालित मॉडल जेंडर रिसोर्स सेंटर की कार्यशैली, सामुदायिक भागीदारी और प्रशासनिक समन्वय को करीब से देखा। प्रतिभागियों ने जेंडर से जुड़े संवेदनशील मामलों को संभालने की प्रक्रियाओं को समझते हुए अपने अनुभव साझा किए।
जेंडर रिसोर्स सेंटर की कार्यप्रणाली पर विस्तृत चर्चा
ठेठईटांगर जेंडर सीआरपी ललिता देवी, दिव्या, जसमनी, अंजना, सुनीता, सुषमा और मंजू ने कुरडेग टीम को जेंडर केस वर्क से जुड़े अपने अनुभवों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस प्रकार घरेलू हिंसा, सामाजिक भेदभाव और महिला उत्पीड़न से जुड़े मामलों में पीड़ितों को काउंसलिंग, कानूनी सहायता और आवश्यक रेफरल सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
सीआरपी सदस्यों ने केस मैनेजमेंट की प्रक्रिया, दस्तावेजीकरण की महत्ता और विभिन्न विभागों के साथ समन्वय पर विशेष जोर दिया। उन्होंने यह भी साझा किया कि जेंडर जस्टिस सेंटर के माध्यम से पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने में किस प्रकार त्वरित और संवेदनशील कार्रवाई की जाती है।
कुरडेग ब्लॉक से 32 प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी
इस एक्सपोजर विजिट में कुरडेग ब्लॉक से कुल 32 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इनमें संकुल अध्यक्ष सरिता तिर्की और कमला देवी, जेंडर सीआरपी ज्योति मिंज, जेएसएलपीएस स्टाफ आलोक और धर्मेश, ट्राई एसोसिएट प्रैक्टिशनर नीतू कुमारी शामिल थीं।
वहीं ठेठईटांगर प्रखंड से प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक संदीप कुमार, जेएसएलपीएस कर्मी कृष्णा भोय, रोशनी एक्का, लालमुनि देवी तथा क्लस्टर स्तर की दीदियों में अनीता, उषा और पुनीत की भी सक्रिय सहभागिता रही। सभी प्रतिभागियों ने अनुभव साझा कर आपसी सीख को मजबूत किया।
प्रशासनिक सहयोग और सलाहकार समिति की भूमिका
इस अवसर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी नूतन मिंज ने भी जेंडर रिसोर्स सेंटर का दौरा किया। उन्होंने कुरडेग टीम को संबोधित करते हुए कहा कि जेंडर रिसोर्स सेंटर की सफलता के लिए प्रशासनिक सहयोग और सलाहकार समिति की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
नूतन मिंज ने कहा: “जेंडर रिसोर्स सेंटर केवल एक कार्यालय नहीं, बल्कि महिलाओं के अधिकार और सम्मान की रक्षा का सशक्त माध्यम है। प्रखंड स्तर पर प्रशासन हर संभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जेंडर संबंधी मामलों में त्वरित कार्रवाई, संवेदनशीलता और सामुदायिक सहभागिता से ही स्थायी समाधान संभव है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में नई ऊर्जा
इस एक्सपोजर विजिट से कुरडेग ब्लॉक टीम को जेंडर आधारित मुद्दों पर कार्य करने की नई दिशा और प्रेरणा मिली है। प्रतिभागियों ने माना कि ठेठईटांगर मॉडल को अपनाकर कुरडेग प्रखंड में भी महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और सामाजिक न्याय को और मजबूत किया जा सकता है।
टीम सदस्यों ने कहा कि यह दौरा न केवल ज्ञानवर्धक रहा, बल्कि जमीनी स्तर पर काम करने के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने वाला भी साबित हुआ। आने वाले समय में जेंडर रिसोर्स सेंटर के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में ठोस पहल की जाएगी।

न्यूज़ देखो: जेंडर न्याय की जमीनी पहल
यह खबर दर्शाती है कि जब सरकारी योजनाएं और सामुदायिक सहभागिता एक साथ आती हैं, तो सामाजिक बदलाव संभव होता है। कुरडेग ब्लॉक टीम का यह दौरा महिला सशक्तिकरण को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। ऐसे प्रयासों से जेंडर न्याय को केवल नीति तक सीमित न रखकर जमीन पर उतारा जा सकता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जागरूकता से बदलाव की ओर
महिलाओं के अधिकार और सम्मान की रक्षा समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। जेंडर रिसोर्स सेंटर जैसे प्रयास तभी सफल होंगे, जब हर नागरिक सहयोग और संवेदनशीलता दिखाएगा।
अपने क्षेत्र में होने वाले ऐसे प्रयासों पर नजर रखें, सकारात्मक बदलाव का हिस्सा बनें।
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