
#घाघरा #शिक्षा_सुरक्षा : मॉडल स्कूल चपका में शिक्षक और बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण छात्रों की पढ़ाई और सुरक्षा प्रभावित, अभिभावक चिंतित
- मॉडल स्कूल चपका में 178 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं।
- स्कूल में केवल एक हाईस्कूल शिक्षक अंग्रेजी पढ़ाते हैं।
- गणित, जीव विज्ञान और भूगोल के लिए तीन प्राइमरी शिक्षक डेपुटेशन पर लगे।
- विद्यालय परिसर में चारदीवारी और खेल मैदान नहीं हैं।
- अभिभावकों और ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।
घाघरा प्रखंड का मॉडल स्कूल चपका गंभीर शिक्षा संकट का सामना कर रहा है। कक्षा 6 से 10 तक पढ़ने वाले 178 छात्रों की पढ़ाई शिक्षक और सुरक्षा की कमी के कारण बाधित हो रही है। अभिभावकों का कहना है कि विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की अनुपस्थिति से बच्चे प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं की तैयारी सही ढंग से नहीं कर पा रहे हैं। विद्यालय में चारदीवारी और खेल मैदान न होने से छात्रों की सुरक्षा और शारीरिक विकास भी प्रभावित हो रहा है।
शिक्षक संकट और पढ़ाई पर असर
स्कूल में केवल एक हाईस्कूल शिक्षक है, जो अंग्रेजी पढ़ाते हैं। गणित, जीव विज्ञान और भूगोल जैसे महत्वपूर्ण विषयों के लिए तीन प्राइमरी शिक्षक डेपुटेशन पर लगे हुए हैं। इस व्यवस्था से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना मुश्किल हो गया है।
एक अभिभावक ने कहा: “बच्चों को सही शिक्षा नहीं मिल पा रही है, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी बाधित हो रही है।”
सुरक्षा और मूलभूत सुविधाओं की कमी
विद्यालय परिसर में चारदीवारी का अभाव है, जिससे छात्रों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो गया है। खेलकूद के लिए कोई मैदान नहीं होने के कारण छात्र शारीरिक गतिविधियों से वंचित रह रहे हैं। यह स्थिति बच्चों के समग्र विकास और सुरक्षित वातावरण के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर रही है।
अभिभावकों और ग्रामीणों की मांगें
स्थानीय लोग और अभिभावक प्रशासन से आग्रह कर रहे हैं कि तत्काल कदम उठाएं। उनकी मांगें हैं:
- अतिरिक्त शिक्षक की नियुक्ति की जाए।
- सभी विषयों के लिए विषय विशेषज्ञ शिक्षक उपलब्ध कराए जाएं।
- स्कूल परिसर में चारदीवारी और खेल मैदान का निर्माण कराया जाए।
मॉडल स्कूल चपका में यह गंभीर चुनौती शिक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है। यदि समय रहते समाधान नहीं किया गया, तो छात्रों का भविष्य गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है।

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यह घटना दर्शाती है कि शिक्षक और बुनियादी सुविधाओं की कमी बच्चों के भविष्य को कितना प्रभावित कर सकती है। प्रशासन को त्वरित कार्रवाई के माध्यम से शिक्षा और सुरक्षा दोनों में सुधार सुनिश्चित करना होगा। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए जिम्मेदारी लें
समाज और प्रशासन को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सुरक्षित वातावरण मिले। अभिभावक अपनी आवाज उठाएं, स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें और बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा के लिए सक्रिय रहें। अपनी राय कमेंट करें, खबर को साझा करें और जागरूकता बढ़ाएं ताकि हर बच्चा सुरक्षित और शिक्षित भविष्य की ओर बढ़ सके।





